विश्व दलहन दिवस: पोषण, कृषि और सतत विकास को बढ़ावा देने का अवसर

भारत में दलहन उत्पादन और सरकारी योजनाएं हर साल 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस (World Pulses Day) मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा घोषित किया गया था, ताकि दलहन (पल्सेज़) के महत्व को उजागर किया जा सके और उनके सतत उत्पादन और खपत को बढ़ावा दिया जा सके। दलहन: पोषण का … Read more

औषधीय पौधों के संरक्षण और सतत विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

शतावरी – महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आयुष मंत्रालय का विशेष अभियान महिलाओं के स्वास्थ्य को सशक्त बनाने और विकसित भारत के पंच प्राण लक्ष्य को प्राप्त करने में शतावरी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी:  प्रतापराव जाधव, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), आयुष मंत्रालय औषधीय पौधों के स्वास्थ्य लाभों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से  … Read more

जलवायु अनुकूल फसलों की 2661 किस्में हुई विकसित

जलवायु के हिसाब से फसलों की नई किस्में पिछले दस साल में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से जुड़ी संस्थाओं ने 2014-2024 के दौरान विभिन्न फसलों की 2900 किस्में विकसित की हैं, जिनमें से 2661 किस्में जलवायु के लिहाज़ से मज़बूत हैं। इस अवधि के दौरान, केरल राज्य के लिए 63 क्षेत्रीय फसल किस्मों का विकास किया गया है, जिनमें अनाज की 23, तिलहन की 2, दालों के 10, चारा फसलों की 15 और … Read more

राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र: अनुसंधान और नवाचार में अग्रणी

अनुसंधान और नवाचार में नई उपलब्धियाँ राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र (एनआरसीएम), दरभंगा, मखाना अनुसंधान और नवाचार के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य कर रहा है। यह केंद्र वैज्ञानिकों की कुशल टीम द्वारा समर्थित है और मखाना उत्पादन को उन्नत बनाने के लिए विभिन्न अनुसंधान कार्यक्रम चला रहा है। प्रमुख अनुसंधान और नवाचार … Read more

वर्टिकल फार्मिंग: कम जगह में अधिक उपज और जल बचत

वर्टिकल फार्मिंग के फायदे आज के समय में बढ़ती जनसंख्या और घटती खेती योग्य भूमि के कारण कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों की आवश्यकता बढ़ गई है। पारंपरिक खेती के मुकाबले वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) एक आधुनिक और कुशल कृषि पद्धति के रूप में उभर रही है। यह तकनीक शहरी क्षेत्रों में खेती को संभव … Read more

आईएफएडी उपाध्यक्ष और कृषि सचिव की मुलाकात

”सतत कृषि और ग्रामीण विकास: आईएफएडी और भारत के बीच सहयोग को लेकर बैठक” नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) के एसोसिएट उपाध्यक्ष  डोनल ब्राउन ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी से कृषि भवन में मुलाकात की। इस बैठक का उद्देश्य भारत और आईएफएडी के बीच साझेदारी को मजबूत … Read more

पाम आयल की खेती से कमाएं अधिक मुनाफा

पाम आयल की खेती: फायदे, सरकारी योजना और किसानों के लिए लाभ पाम आयल की खेती एक लाभदायक और टिकाऊ कृषि व्यवसाय है। यह तेल उत्पादन के लिए सबसे अधिक उत्पादक वाली फसल मानी जाती है। अब भारतीय किसानों के बीच भी काफी लोकप्रियता हासिल कर रहा है। यह फसल अपनी उन्नत उत्पादकता, कम लागत … Read more

समुद्री शैवाल की खेती: तटीय किसानों के लिए नई दिशा और आय

समुद्री शैवाल की खेती: किसानों के लिए आय का नया स्रोत और पर्यावरण का साथी भारत में समुद्री शैवाल की खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है। समुद्री तटीय क्षेत्रों में रहने वाले किसानों के लिए यह एक नई दिशा और आय का स्थायी स्रोत प्रदान कर रही है। इस खेती के जरिए न केवल … Read more

SYMSAC-XI 2025: कोझिकोड में मसालों के स्मार्ट उपज और विविधीकरण की पहल

मसाले और सुगंधित फसलों पर हुआ विचार-विमर्श कोझिकोड भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान (ICAR-IISR), कोझिकोड में  राष्ट्रीय संगोष्ठी SYMSAC-XI का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का विषय “स्मार्ट उत्पादन, उत्पाद विविधीकरण और उपयोग के लिए रणनीतियां” था। भारतीय मसाला सोसाइटी (ISS) द्वारा ICAR, स्पाइसेस बोर्ड, DASD, और ICAR-NRCSS के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों और … Read more

अजोला की खेती: बेहतर भविष्य की संभावना

भारत में अजोला की खेती की आवश्यकता अजोला एक प्रकार की तैरने वाली जलीय फर्न है, जिसे भारत में पशु चारे और जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह अत्यधिक पोषक तत्वों से भरपूर है और किसानों के लिए कम लागत में अधिक फायदा प्रदान करने वाली खेती के रूप में उभर … Read more