ब्राजील की मैकेनाइज्ड फार्मिंग से भारत को मिलेगा फायदा!

ब्राजील दौरे पर शिवराज सिंह, भारतीय कृषि को मिलेगी नई दिशा

ब्राजील/नई दिल्ली — केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों ब्राजील के दौरे पर हैं, जहां वे ब्रिक्स देशों के कृषि मंत्रियों की 15वीं बैठक में भाग लेने पहुंचे हैं। इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय दौरे के दौरान मंत्री चौहान ने ब्राजील के सोयाबीन उत्पादन प्लांट, टमाटर फार्म, कॉर्न खेती, और कई अन्य कृषि एवं अनुसंधान संस्थानों का दौरा किया। उन्होंने ब्राजील की उन्नत और आधुनिक खेती पद्धतियों का गहराई से अवलोकन किया और भारतीय कृषि में इनके संभावित उपयोग पर चर्चा की।

मैकेनाइजेशन और इरिगेशन सिस्टम से प्रभावित हुए चौहान

मंत्री चौहान ने बताया कि ब्राजील की कृषि पद्धतियां अत्यधिक आधुनिक हैं। यहां लगभग 100 प्रतिशत खेती मैकेनाइज्ड है। खेतों में उन्नत हार्वेस्टिंग मशीनों, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई, तथा न्यूट्रिएंट मैनेजमेंट सिस्टम का प्रयोग अत्यंत प्रभावी ढंग से किया जा रहा है। टमाटर फार्म का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि एक मशीन में यूरिया का टैंक जुड़ा है, जिससे पानी के साथ खाद मिलाकर फसलों तक पहुँचाया जा रहा है। जरूरत के अनुसार ही पानी और पोषक तत्व दिए जा रहे हैं, जिससे कम संसाधनों में अधिक उत्पादन संभव हो पा रहा है।

सोयाबीन उत्पादन और प्रोसेसिंग में भारत-ब्राजील सहयोग की संभावनाएं

चौहान ने ब्राजील के सोयाबीन उत्पादन संयंत्र का निरीक्षण करते हुए कहा कि भारत में सोयाबीन उत्पादन को और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा,

भारत अभी ब्राजील से सोया तेल आयात करता है। हमने चर्चा की है कि दोनों देश मिलकर सोया प्रोसेसिंग प्लांट्स स्थापित कर सकते हैं और भारत से भी सोया तेल का निर्यात किया जा सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को लेकर ब्राजील के साथ कई बिंदुओं पर सहमति बनी है।

अनुसंधान और बीज विकास में सहयोग की पहल

ब्राजील की रिसर्च लैब्स और कृषि संस्थानों में चल रहे अनुसंधान कार्यों को देखने के बाद चौहान ने सुझाव दिया कि भारतीय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और ब्राजील के शोध संस्थान आपस में सहयोग कर सकते हैं। इससे उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का विकास संभव होगा। उन्होंने कहा कि “कपास की खेती में यहां जो मैकेनाइजेशन है, वह देखने लायक है। मशीन से सीधे कपास की तुड़ाई हो रही है। इस तरह के तकनीकी नवाचार भारत में भी लाए जा सकते हैं।”

कृषि व्यापार को लेकर भारत आने का दिया निमंत्रण

मंत्री चौहान ने ब्राजील के कृषि व्यवसाय समुदाय को भारत आने का निमंत्रण भी दिया है, ताकि दोनों देशों के बीच कृषि व्यापार, अनुसंधान, बीज विकास और प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत और ब्राजील मिलकर वैश्विक खाद्य सुरक्षा को लेकर बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

“वसुधैव कुटुंबकम” की भावना से काम करने की अपील

चौहान ने कहा कि भारत हमेशा से “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना से काम करता रहा है। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि

“प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपनी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है और अब दुनिया के कई देशों को कृषि उत्पादों का निर्यात कर रहा है। भारत और ब्राजील दोनों मिलकर पूरी दुनिया की खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में मिलकर कार्य कर सकते हैं।”

सारांश:
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का ब्राजील दौरा न केवल भारत के लिए उन्नत कृषि तकनीकों को समझने का अवसर है, बल्कि भारत-ब्राजील के बीच कृषि क्षेत्र में दीर्घकालिक साझेदारी और नवाचार के नए द्वार भी खोलता है।

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