देशभर के 700 से अधिक जिलों में चलेगा ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’
कृषि वैज्ञानिक गांव-गांव जाकर किसानों से करेंगे सीधा संवाद, लैब टू लैंड के मंत्र को मिल रही है जमीन पर ताकत
नई दिल्ली। देश की कृषि व्यवस्था को आधुनिक, समृद्ध और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में केंद्र सरकार एक नई पहल कर रही है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि देशभर के 700 से अधिक जिलों में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ चलाया जाएगा। यह अभियान 29 मई से 12 जून तक आयोजित होगा और इसमें वैज्ञानिक, अधिकारी, कृषि विशेषज्ञ और किसान मिलकर साझेदारी में काम करेंगे।
चौहान ने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लैब टू लैंड’ मंत्र को जमीन पर साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने कहा, “विकसित भारत के लिए हमारा संकल्प है—विकसित खेती और समृद्ध किसान।” यह अभियान न तो कर्मकांड है और न ही प्रतीक्षा वाला कार्यक्रम, बल्कि इसका असर आगामी खरीफ सीजन में ही दिखने लगेगा।
गांव-गांव पहुंचेंगे कृषि वैज्ञानिक
इस अभियान के तहत देशभर के कृषि वैज्ञानिक, मंत्रालय के अधिकारी व कर्मचारी स्थानीय कृषक समुदाय के साथ टीम बनाकर प्रतिदिन विभिन्न गांवों में जाएंगे। वहां वे किसानों से संवाद कर उन्नत खेती, नई तकनीकों, सरकारी योजनाओं और प्राकृतिक खेती जैसे विषयों पर जागरूकता बढ़ाएंगे।
हाई लेवल बैठक में बना रोडमैप
अभियान को लेकर दिल्ली में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के 100 से अधिक संस्थान, इफको, राज्य कृषि विभागों और कृषि से जुड़े अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने हाइब्रिड मोड में हिस्सा लिया। बैठक में कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी और ICAR के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट भी उपस्थित रहे।
ड्रोन, ICT और आधुनिक खेती के होंगे लाइव प्रदर्शन
इस अभियान में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर संतुलित उर्वरक उपयोग की जानकारी दी जाएगी। साथ ही कृषि में ड्रोन तकनीक, ICT आधारित उपकरणों का इस्तेमाल, धान की सीधी बुवाई (DSR), फसल विविधीकरण और मशीनीकरण जैसी आधुनिक विधियों का भी प्रदर्शन किया जाएगा।
किसानों से सीधा जुड़ाव, वैज्ञानिकों को मिलेगा फील्ड एक्सपोजर
चौहान ने कहा कि कृषि अनुसंधान का लाभ तब तक नहीं मिलेगा जब तक वह खेतों तक न पहुंचे। उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा, “अगर आप इस काम को मन से करेंगे तो देश और किसानों को बड़ा फायदा होगा।”
राज्यों को भेजा गया पत्र, बनाई गई विस्तृत कार्ययोजना
अभियान को सफल बनाने के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजे गए हैं। इसके अलावा कृषि सचिव व ICAR महानिदेशक ने भी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर समन्वय किया है। अभियान की सफलता के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।
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