विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025: किसानों के लिए नई तकनीकों और योजनाओं का सीधा लाभ
🧬 विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025
पुरी (ओडिशा) — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “लैब टू लैंड” विजन और विकसित भारत-2047 के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर 29 मई से देशभर में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत की जा रही है।
🌾 अभियान की शुरुआत
यह राष्ट्रव्यापी अभियान ओडिशा के पुरी से आरंभ होगा, जहां चौहान स्वयं उपस्थित रहेंगे। 15 दिवसीय इस वृहद अभियान के तहत केंद्रीय मंत्री चौहान देश के लगभग 20 राज्यों का प्रवास करेंगे और किसानों, वैज्ञानिकों तथा कृषि विशेषज्ञों से सीधा संवाद स्थापित करेंगे।
🔰 मुख्य उद्देश्य
इस अभियान का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं, संतुलित उर्वरक उपयोग और फसल चयन, मृदा स्वास्थ्य कार्ड आधारित फसल चयन व खाद उपयोग के प्रति जागरूकता जैसे विषयों पर जागरूक करना है। किसानों से फीडबैक और नवाचार जुटाकर अनुसंधान को दिशा देना
👨🌾 शिवराज सिंह चौहान का नेतृत्व
चौहान 12 जून तक जम्मू, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, असम, मेघालय, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों में कृषि से जुड़े कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
🛰️ अभियान का कवरेज
इस अभियान में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और केंद्रीय कृषि मंत्रालय के साथ राज्य सरकारें भी साझेदार हैं। देशभर के 700 से अधिक जिलों, 65,000 गांवों और लगभग 1.5 करोड़ किसानों तक पहुंचने के लिए 2170 वैज्ञानिक टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें गांवों में जाकर किसानों से सीधा संवाद करेंगी और उन्हें खरीफ सीजन में लाभदायक तकनीकों और उपायों के प्रति जागरूक करेंगी।
अभियान में देश के सभी 731 कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), ICAR के 113 संस्थान, कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन विभागों के अधिकारी व कर्मचारी, प्रगतिशील किसान और कृषि से जुड़े अन्य विशेषज्ञ सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
“विकसित कृषि संकल्प अभियान न केवल किसानों को लाभान्वित करेगा, बल्कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगा। यह अभियान किसानों और विज्ञान के बीच की दूरी को कम करते हुए कृषि क्षेत्र में नवाचार और प्रगति की नई राह खोलेगा।”
यह अभियान किसानों की सहभागिता से कृषि में नवाचार, अनुसंधान और सतत विकास की नींव मजबूत करेगा, जिससे भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक ठोस आधार मिलेगा।
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