सिंचाई के आधुनिक तरीके..

सिंचाई के मार्डन तरीकों में पारंपरिक तरीकों की तुलना में कई फायदे हैं। वे अधिक कुशल हैं, जिसका अर्थ है कि वे कम पानी और ऊर्जा का उपयोग करते हैं। वे अधिक प्रभावी भी हैं, जिसका मतलब है कि वे बेहतर उपज देते हैं। इसके अलावा, आधुनिक सिंचाई विधियाँ मिट्टी के कटाव और अपवाह को कम करके पर्यावरण … Read more

हाईड्रोपोनिक खेती के फायदे और नुकसान

आजकल कम पानी में खेती करने पर जोर दिया जा रहा है।हाईड्रोपोनिक खेती पोषक तत्वों से भरपूर पानी के घोल में मिट्टी के बिना पौधों को उगाने की एक विधि है। ये दुनिया भर में लोकप्रियता में बढ़ रहा है, खासकर शहरी क्षेत्रों और उन क्षेत्रों में जहां अत्यधिक मौसम का सामना करना पड़ता है। … Read more

कृषि और ग्रामीण विकास संबंधित मुद्दों पर चर्चा

कृषि मामलों में केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए चर्चा आवश्यक है।आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और सिक्किम के कृषि मंत्री पूरन कुमार गुरुंग ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से नई दिल्ली के कृषि भवन में मुलाकात की। इस बैठक का उद्देश्य राज्यों की कृषि और … Read more

राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन को मंजूरी

सरकार ने नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देने के प्रयास तेज कर दिए है। प्राकृतिक खेती यानि रसायन मुक्त खेती। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत स्वतंत्र रूप से कार्य करने वाली एक केन्द्र प्रायोजित योजना के रूप में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (एनएमएनएफ) शुरू करने को मंजूरी दे दी है। इस … Read more

नीदरलैंड: फूलों की खेती का वैश्विक केंद्र

नीदरलैंड खेती के साथ फूलों के लिए जाना जाता है। ये फूलों की तस्वीरें सिर्फ सौंदर्य की दृष्टि से ही सुंदर नहीं हैं: ये देश के लिए आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण हैं। देश के कृषि निर्यात का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ताजे कटे फूलों, बल्बों और परिपक्व पौधों की बिक्री से प्राप्त होता है, और … Read more

जैसा खाओ अन्न, वैसा होगा मन

जैसा खाओ अन्न, वैसा होगा मन, कहावत पुरानी है। स्वस्थ शरीर ,निरोगी काया..इन सब के लिए शुद्ध आहार आवश्यक है। जैविक खेती ज़रिया है जहर मुक्त  खेती- किसानी की ओर लौटने का। सरकार का नारा है- जैविक खेती, रसायन मुक्त भारत। देश के ज्यादातर इलाकों में जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरुकता बढ़ी है। … Read more