पुणे में खुलेगी नेशनल क्लीन प्लांट लैब
किसानों को वैज्ञानिकों से मिलेगा सीधा मार्गदर्शन
नागपुर – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नागपुर में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत आयोजित किसान सम्मेलन में भाग लिया और बड़ी संख्या में उपस्थित किसानों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं और कृषि क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार की भावी योजनाओं का खाका प्रस्तुत किया।
इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे, मंत्री आशीष जायसवाल, वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट सहित अनेक वैज्ञानिक, अधिकारी और गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
“एक राष्ट्र – एक कृषि – एक टीम” की नई दिशा
चौहान ने कहा कि अब समय आ गया है कि देशभर की कृषि संस्थाएं, केंद्र और राज्य सरकारें, वैज्ञानिक और प्रशासनिक अधिकारी मिलकर एक टीम की तरह काम करें। उन्होंने घोषणा की कि कृषि मंत्रालय अब “एक राष्ट्र – एक कृषि – एक टीम” की सोच पर आगे बढ़ेगा। इससे किसानों को एकजुट और बेहतर योजनाओं का लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि भारत के किसान आत्मनिर्भर बनें, उनकी आय में वृद्धि हो और खेती एक लाभकारी व्यवसाय बने। “जब केंद्र और राज्य की सभी एजेंसियां, वैज्ञानिक संस्थान और अधिकारी मिलकर काम करेंगे, तभी खेती में असली बदलाव आएगा,”
पुणे में राष्ट्रीय लैब की घोषणा
कृषि मंत्री ने इस मौके पर एक बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि पुणे में ‘क्लीन प्लांट प्रोग्राम’ के तहत एक राष्ट्रीय स्तर की लैब स्थापित की जाएगी। इस प्रयोगशाला में पौधों की शुद्ध और स्वस्थ किस्मों पर अनुसंधान किया जाएगा, जिससे किसानों को बीमारियों से मुक्त और गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री मिल सके।
ICAR की भूमिका और वैज्ञानिकों की टीम
चौहान ने बताया कि देशभर में ICAR की 113 संस्थाएं हैं, जिनमें से 11 महाराष्ट्र में स्थित हैं। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों के लगभग 16,000 वैज्ञानिक, कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर गांव-गांव जाएंगे और किसानों को नई तकनीकों, बीजों और खेती के आधुनिक तरीकों के बारे में जानकारी देंगे।
यह अभियान 29 मई से 12 जून तक चलेगा और इसका उद्देश्य खरीफ सीजन की अच्छी तैयारी कराना और सतत (सस्टेनेबल) खेती को बढ़ावा देना है।
मिट्टी के अध्ययन के लिए नई तकनीक
इस सम्मेलन में ‘नेशनल सॉयल स्पेक्ट्रल लाइब्रेरी’ का भी उद्घाटन किया गया। यह लाइब्रेरी हाइपर-स्पेक्ट्रल तकनीक पर आधारित है, जिससे मिट्टी की pH, घनता और पोषक तत्वों की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। इस तकनीक के जरिए महाराष्ट्र देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहाँ पूरे राज्य का मृदा मानचित्र (Soil Map) तैयार किया गया है।
इस लाइब्रेरी की स्थापना ICAR की नागपुर स्थित संस्था NBSSLUP (नेशनल ब्यूरो ऑफ सॉइल सर्वे एंड लैंड यूज प्लानिंग) द्वारा की गई है।
कपास की सुरक्षा के लिए स्मार्ट तकनीक
किसानों की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक कपास की फसल में लगने वाले गुलाबी बोंडअळी (Pink Bollworm) कीट के प्रकोप से निपटने के लिए एक AI आधारित स्मार्ट ट्रैप तकनीक की शुरुआत भी इस कार्यक्रम में की गई। यह तकनीक कीटों की पहचान कर किसानों को समय पर अलर्ट भेजेगी, जिससे नुकसान से बचाव हो सकेगा।
मुख्यमंत्री का वैनगंगा-नलगंगा परियोजना पर जोर
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार विदर्भ क्षेत्र की सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए वैनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ परियोजना पर तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान की समावेशी (Inclusive) नीतियाँ पूरे देश के लिए उदाहरण बन रही हैं और महाराष्ट्र सरकार भी इन प्रयासों में पूरा सहयोग देगी।
कपास तुड़ाई के लिए नई मशीन पर शोध
राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने बताया कि आजकल कपास की तुड़ाई के लिए मजदूर मिलना मुश्किल हो गया है। इस समस्या के समाधान के लिए बैटरी से चलने वाले छोटे ट्रैक्टर पर शोध चल रहा है। यदि यह प्रयोग सफल रहता है, तो इसे केंद्र सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा और किसानों को इसका लाभ मिलेगा।
किसानों का सम्मान
इस अवसर पर प्राकृतिक खेती, जैविक खेती और किसान उत्पादक संघों (FPO) में उल्लेखनीय काम करने वाले नागपुर और विदर्भ क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों को केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने मंच पर सम्मानित किया। यह सम्मान उन किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए किया गया है, जो खेती में नवाचार और स्थायित्व ला रहे हैं।
निष्कर्ष
यह सम्मेलन न केवल किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना, बल्कि इससे केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त कार्यशैली का भी परिचय मिला। श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि सरकार खेती और किसानों को प्राथमिकता देकर भारत को शक्तिशाली, समृद्ध और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के संकल्प पर आगे बढ़ रही है।