दूध उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार, मोदी सरकार का बड़ा फैसला

पशुपालकों के लिए खुशखबरी! एनपीडीडी योजना में बड़ा विस्तार

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) को मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत 15वें वित्त आयोग चक्र (2021-22 से 2025-26) की अवधि के लिए 1000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त परिव्यय के साथ कुल 2790 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। यह योजना देश में डेयरी उद्योग के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, उत्पादन बढ़ाने और गुणवत्ता नियंत्रण में सुधार लाने पर केंद्रित है।

डेयरी उद्योग में आधुनिकीकरण को मिलेगा बढ़ावा

संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत दुग्ध उत्पादन, प्रसंस्करण क्षमता और गुणवत्ता नियंत्रण को उन्नत करने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को बाजार तक आसान पहुंच उपलब्ध कराना, मूल्य संवर्धन से उन्हें उचित मूल्य दिलाना और आपूर्ति श्रृंखला में दक्षता लाना है। इससे ग्रामीण विकास को गति मिलेगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी।

योजना के दो प्रमुख घटक

संशोधित योजना को दो प्रमुख घटकों में विभाजित किया गया है:

1. घटक-ए: डेयरी बुनियादी ढांचे में सुधार

इस घटक के तहत दूध शीतक संयंत्र, उन्नत दूध परीक्षण प्रयोगशालाएं और प्रमाणन प्रणाली विकसित की जाएगी। साथ ही, नई ग्राम डेयरी सहकारी समितियों के गठन को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। यह विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर), दूरदराज के पिछड़े क्षेत्रों और पहाड़ी क्षेत्रों में दूध की खरीद और प्रसंस्करण व्यवस्था को मजबूत करेगा।

Symbolic

नई दूध उत्पादक कंपनियों की स्थापना के लिए विशेष अनुदान दिया जाएगा।
पूर्वोत्तर और अन्य पिछड़े क्षेत्रों में 10,000 नई डेयरी सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा।
2. घटक-बी: सहकारिता द्वारा डेयरी संचालन (डीटीसी)
इस घटक के तहत जापान सरकार और जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) के सहयोग से डेयरी विकास कार्य किए जाएंगे। यह कार्यक्रम देश के नौ राज्यों में संचालित होगा:

आंध्र प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल
इन राज्यों में डेयरी सहकारी समितियों के सतत विकास, उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन बुनियादी ढांचे को उन्नत किया जाएगा।
डेयरी क्षेत्र पर प्रभाव और संभावनाएं
एनपीडीडी के तहत लागू परियोजनाओं से देश भर में 18.74 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं। अब तक 30,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित किए जा चुके हैं। इस योजना से:

100.95 लाख लीटर प्रतिदिन की दूध खरीद क्षमता में वृद्धि हुई है।
51,777 ग्राम-स्तरीय दूध परीक्षण प्रयोगशालाएं सुदृढ़ की गई हैं।
123.33 लाख लीटर क्षमता के 5,123 बल्क दुग्ध शीतक स्थापित किए गए हैं।
169 प्रयोगशालाओं में एफटीआईआर मिल्क एनालाइजर और 232 डेयरी संयंत्रों में मिलावट परीक्षण प्रणाली लगाई गई है।
महिलाओं को मिलेगा विशेष लाभ

संशोधित एनपीडीडी योजना के तहत 3.2 लाख नए रोजगार सृजित होने की संभावना है। यह विशेष रूप से महिलाओं के लिए फायदेमंद होगा, क्योंकि डेयरी कार्यबल का 70% महिलाएं हैं।

दूसरी श्वेत क्रांति की ओर कदम

यह संशोधित योजना भारत की दूसरी श्वेत क्रांति को गति देगी और देश के डेयरी उद्योग को आधुनिक बनाने में सहायक होगी। इसके तहत नवाचार, उन्नत गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं और सहकारी समितियों का सशक्तिकरण किया जाएगा। इससे देश के लाखों डेयरी किसानों और इससे जुड़े लोगों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

Leave a Comment