कच्चे खाद्य तेल पर आयात शुल्क घटा, पीली मटर 2026 तक शुल्क मुक्त

सरकार ने कच्चे खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटाया, पीली मटर पर शुल्क-मुक्त आयात 2026 तक बढ़ा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार देर रात कच्चे खाद्य तेलों—जैसे पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी तेल—पर आयात शुल्क में कटौती का ऐलान किया है। अब इन तेलों पर कुल प्रभावी आयात शुल्क 27.5 प्रतिशत से घटाकर 16.5 फीसदी कर दिया गया है। ये कटौती 31 मई (शनिवार) से प्रभाव में आ गई है। इसके साथ ही सरकार ने पीली मटर (Yellow Peas) के शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति को 31 मार्च, 2026 तक बढ़ा दिया है।

सरकार की इस घोषणा का खाद्य तेल उद्योग ने स्वागत किया है। उद्योग का कहना है कि इससे कच्चे और परिष्कृत (refined) खाद्य तेलों के बीच शुल्क में अंतर बढ़कर 19.25 प्रतिशत हो गया है, जिससे घरेलू प्रसंस्करण उद्योग को राहत मिलेगी।

घरेलू तेल उद्योग को राहत

सरकार की नई अधिसूचना के अनुसार, 31 मई से पाम, सोया, रेपसीड और सूरजमुखी जैसे कच्चे खाद्य तेलों पर 10 प्रतिशत बेसिक कस्टम ड्यूटी, 5 प्रतिशत कृषि उपकर और 10 प्रतिशत सोशल वेलफेयर उपकर लगेगा, जिससे कुल प्रभावी शुल्क 16.5 प्रतिशत हो जाएगा। वहीं, परिष्कृत खाद्य तेलों पर 32.5 प्रतिशत मूल शुल्क और 10 प्रतिशत सोशल वेलफेयर उपकर के साथ कुल शुल्क 35.75 प्रतिशत रहेगा।

📊 पीली मटर शुल्क-मुक्त आयात

दालों की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण पाने के प्रयासों के तहत भारत सरकार ने पीली मटर (Yellow Peas) के शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति को तत्काल प्रभाव से 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है। सरकार की यह अधिसूचना शुक्रवार देर रात जारी की गई।

इससे पहले पीली मटर के फ्री इम्पोर्ट की समयसीमा 28 फरवरी 2025 तक निर्धारित थी। दिसंबर 2023 में सरकार ने पहली बार पीली मटर पर आयात शुल्क हटाया था और उसके बाद से इसे तीन बार बढ़ाया गया।

वाणिज्यिक आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2024 में 66.3 लाख टन दालों का आयात हुआ, जो कि 2023 के 33.1 लाख टन की तुलना में दोगुने से अधिक है। इससे पहले 2017 में 62.7 लाख टन के आयात के साथ रिकॉर्ड बना था, जिसे अब पीछे छोड़ दिया गया है।

पीली मटर, जिसे 2023 में शुल्क-मुक्त किया गया, 2.9 मिलियन टन (45%) हिस्सेदारी के साथ दाल आयात के टॉप पर रही। गौर करने वाली बात यह है कि 2022 में भारत ने पीली मटर का कोई आयात नहीं किया था

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