सतत मत्स्य पालन और जलीय कृषि की दिशा में नए कदम
14वां एशियाई मत्स्य पालन और जलीय कृषि फोरम (14 एएफएएफ) आज से नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष का विषय “एशिया-प्रशांत में ब्लू ग्रोथ को हरित बनाना” है। यह प्रतिष्ठित त्रैवार्षिक आयोजन एशियाई मत्स्य पालन सोसायटी (एएफएस) द्वारा किया जाता है, जिसका मुख्यालय कुआलालंपुर, मलेशिया में स्थित है। इस बार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), मत्स्य पालन विभाग (डीओएफ), भारत सरकार, और एशियाई मत्स्य पालन सोसायटी की भारतीय शाखा (एएफएसआईबी), मैंगलोर के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। भारत दूसरी बार इस फोरम की मेजबानी कर रहा है, इससे पहले 2007 में कोच्चि में 8वें एएफएएफ का आयोजन किया गया था।
इस फोरम में 24 देशों से लगभग 1,000 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे है, जिनमें शोधकर्ता, नीति निर्माता, उद्योग विशेषज्ञ और हितधारक शामिल हैं। ये मंच वैश्विक मत्स्य पालन और जलीय कृषि सहयोग को बढ़ावा देने की अपनी परंपरा को आगे बढ़ाएगा। भारत में 18 वर्षों के बाद इस आयोजन की मेजबानी करना, इस क्षेत्र में भारत की बढ़ती प्रमुखता को दर्शाता है। अपनी तेजी से विकसित हो रही नीली अर्थव्यवस्था, उन्नत सरकारी नीतियों और वैज्ञानिक नवाचारों के साथ भारत, टिकाऊ मत्स्य पालन और जलीय कृषि के क्षेत्र में एक अग्रणी भागीदार के रूप में उभरा है। वर्तमान में, भारत वैश्विक जलीय कृषि उत्पादन में दूसरा स्थान रखता है। यह मंच अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को मजबूत करने, भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने और सतत व आर्थिक रूप से व्यवहार्य मत्स्य उत्पादन प्रणाली को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करेगा।
उद्घाटन समारोह में प्रमुख हस्तियों की मौजूदगी
उद्घाटन समारोह 12 फरवरी 2025 को सुबह 10 बजे आईसीएआर कन्वेंशन सेंटर, पूसा कैंपस, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी तथा पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह करेंगे। इस अवसर पर कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे, जिनमें शामिल हैं:
- डॉ. हिमांशु पाठक – सचिव, डीएआरई एवं महानिदेशक, आईसीएआर
- डॉ. अभिलक्ष लिखी – सचिव, मत्स्यपालन विभाग
- डॉ. एस. अय्यप्पन – पूर्व सचिव, मत्स्यपालन विभाग एवं पूर्व महानिदेशक, आईसीएआर
- डॉ. एसाम यासीन मोहम्मद – महानिदेशक, वर्ल्ड फिश, मलेशिया

इस अवसर पर 20 से अधिक अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा प्रमुख प्रस्तुतियां दी जाएंगी।
महत्वपूर्ण संगोष्ठी और बैठकें
दूसरे दिन (13 फरवरी 2025) “जलीय पशु रोग: उभरती चुनौतियां और तैयारी” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम एपी शिंदे ऑडिटोरियम, एनएएससी कॉम्प्लेक्स, पूसा कैंपस, नई दिल्ली में होगा, जिसका उद्घाटन केंद्रीय राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन करेंगे।
तीसरे दिन (14 फरवरी 2025) “बेहतर वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए झींगा जलीय कृषि मूल्य श्रृंखला को जोखिम मुक्त करना” विषय पर एक महत्वपूर्ण अकादमिक-उद्योग-सरकार बैठक का आयोजन एनएएएस ब्लॉक, नई दिल्ली में किया जाएगा। इस बैठक का उद्घाटन राज्यसभा सांसद डॉ. बी. मस्तान राव करेंगे।
समापन समारोह 14 फरवरी को
समापन समारोह 14 फरवरी 2025 को शाम 4:30 बजे आईसीएआर कन्वेंशन सेंटर, पूसा कैंपस, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी होंगे।
भारत वैश्विक तौर पर मछली पालन में दूसरा सबसे बड़ा देश है और तेजी से बढ़ती नीली अर्थव्यवस्था, उन्नत सरकारी नीतियों और वैज्ञानिक नवाचारों के चलते जलीय कृषि में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इस आयोजन से भारत को अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने, अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों को मजबूत करने और सतत, लचीली व आर्थिक रूप से व्यवहार्य मत्स्य उत्पादन प्रणालियों को बढ़ावा देने का अवसर मिलेगा।
यह आयोजन वैश्विक मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र में भारत की बढ़ती साख को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।