विकसित कृषि संकल्प भारत अभियान: 51 गांवों में कृषि नवाचार की अलख
नई दिल्ली — भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा, नई दिल्ली द्वारा संचालित “विकसित कृषि संकल्प भारत” अभियान का आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से भव्य और ऐतिहासिक शुभारंभ हुआ। इस महत्वाकांक्षी अभियान का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, वैज्ञानिक अनुसंधानों और सरकारी योजनाओं से सीधे जोड़कर खेती को अधिक उत्पादक और टिकाऊ बनाना है।
इस अभियान के पहले चरण में IARI की 17 वैज्ञानिक टीमों ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के विभिन्न जिलों में स्थित कुल 51 गांवों का दौरा किया। इन गांवों में जाकर वैज्ञानिकों ने किसानों के साथ सीधा संवाद किया और उन्हें उन्नत फसल किस्मों, कम लागत में अधिक पैदावार देने वाली तकनीकों तथा जलवायु अनुकूल खेती के तौर-तरीकों से अवगत कराया।
उद्घाटन समारोह: दिल्ली के दरियापुर गांव में हुआ आयोजन
अभियान की औपचारिक शुरुआत दिल्ली के दरियापुर गांव से हुई, जहां एक विशाल उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के फसल विज्ञान विभाग के उपमहानिदेशक डॉ. डी.के. यादव, IARI के निदेशक डॉ. सी.एच. श्रीनिवास राव, दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा और रविन्द्र इंद्राज सिंह बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में डॉ. डी.के. यादव ने कहा कि, “यह अभियान भारत के किसानों को वैज्ञानिक सोच से जोड़ने और आत्मनिर्भर कृषि की ओर एक मजबूत कदम है।” डॉ. श्रीनिवास राव ने इस पहल को “स्थायी कृषि विकास की आधारशिला” बताया और कहा कि इससे ग्रामीण भारत में समग्र कृषि परिवर्तन की नींव रखी जाएगी।
कृषक गोष्ठियों में दी गई महत्वपूर्ण जानकारी
अभियान के तहत वैज्ञानिकों ने हरियाणा के फरीदाबाद, भिवानी, सोनीपत, झज्जर, रोहतक, रेवाड़ी, पानीपत और गुरुग्राम तथा उत्तर प्रदेश के हापुड़, बुलंदशहर, मेरठ और बागपत जिलों में भ्रमण किया। इन गांवों में कृषक गोष्ठियों का आयोजन कर किसानों को खरीफ मौसम की उन्नत किस्मों जैसे धान, मक्का, मूंगफली, बाजरा इत्यादि की जानकारी दी गई। साथ ही जैविक खेती, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, समेकित पोषण प्रबंधन, कीट नियंत्रण और जल उपयोग दक्षता पर विस्तार से चर्चा की गई।
सरकारी योजनाओं व उद्यमिता पर भी जानकारी
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्रों, IARI के वैज्ञानिकों और राज्य सरकारों के सहयोग से किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, पर ड्रॉप-मोर क्रॉप, राष्ट्रीय बागवानी मिशन और कृषि यांत्रिकीकरण योजना जैसे विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों की जानकारी भी दी गई।
साथ ही, बागवानी एवं कृषि आधारित उद्यमिता विकास के विषयों पर विशेष सत्र आयोजित किए गए। युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित करने के लिए एग्री स्टार्टअप्स और मूल्य संवर्धन की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई।
10,000 किसानों तक पहुंचा संदेश, भविष्य में और विस्तार की योजना
इस जन-जागरूकता अभियान के तहत लगभग 10,000 किसान प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हुए हैं। वैज्ञानिकों और किसानों के बीच खुले संवाद से यह पहल एक सशक्त मंच के रूप में उभरी है, जो भविष्य में कृषि नवाचार, उत्पादन वृद्धि और ग्रामीण समृद्धि को नई दिशा देगा।
ICAR और IARI के अनुसार, आने वाले महीनों में इस अभियान को देश के अन्य राज्यों में भी विस्तारित किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक किसान इससे लाभान्वित हो सकें।