गौसेवा से ग्राम विकास की नई शुरुआत!

🏨 मध्यप्रदेश में आत्मनिर्भर गांवों का मॉडल तैयार

भोपाल, 1 जुलाई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश के ग्रामीण विकास को एक नई दिशा देने वाले मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना को स्वीकृति प्रदान की गई। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से एक ऐसे गांव का चयन किया जाएगा, जिसकी जनसंख्या न्यूनतम 2000 और गौवंश की संख्या कम से कम 500 हो।

चयनित गांवों को ‘मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम’ के रूप में विकसित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा, ताकि ये गांव प्रदेश के अन्य गांवों के लिए आदर्श और प्रेरणा बन सकें।

🐂 योजना के प्रमुख उद्देश्य और क्रियान्वयन

मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना का मुख्य उद्देश्य गौपालन एवं डेयरी विकास, जैविक कृषि, जल संरक्षण, सौर ऊर्जा, चारागाह विकास, पर्यावरण संरक्षण, स्वरोजगार और ग्रामीण अधोसंरचना के समग्र विकास को बढ़ावा देना है। इन विषयों पर आधारित कार्यक्रमों को विभिन्न विभागों के सहयोग से लागू किया जाएगा।

राज्य सरकार का मानना है कि जब गांव आत्मनिर्भर होंगे तो राज्य की समग्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी। योजना के अंतर्गत गांवों में गौसेवा, स्वच्छता, आध्यात्मिकता और हरियाली के समन्वय से आर्थिक आत्मनिर्भरता को मूर्त रूप दिया जाएगा, जिससे गांव वृन्दावन की संकल्पना को साकार कर सकें।

🏢 छह श्रेणियों में विकास कार्य होंगे

वृन्दावन ग्रामों में छह प्रमुख श्रेणियों में सुविधाएं और विकास कार्य सुनिश्चित किए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं:

  1. अधोसंरचना विकास: गौशाला, पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूल, यात्री प्रतीक्षालय, सोलर स्ट्रीट लाइट, पुस्तकालय, वर्कशेड, पशु चिकित्सालय, ग्रामीण सड़कें, पीडीएस गोडाउन, जल आपूर्ति, आर्ट एंड क्राफ्ट सेंटर, बायोगैस संयंत्र, शौचालय, शांति धाम, पार्क आदि।

  2. आजीविका संवर्धन: नंदन फलोद्यान, पोषण वाटिका, दुग्ध कलेक्शन सेंटर, कृषि व लघु वनोपज आधारित उद्योग, ग्रामीन कौशल आधारित सेवा केंद्र।

  3. जल संरक्षण: रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग, डगवेल/ट्यूबवेल रिचार्ज, स्टॉप डैम, तालाब संरक्षण।

  4. ऊर्जा विकास: सौर ऊर्जा, गैर-पारंपरिक ऊर्जा के माध्यम से विद्युत आपूर्ति।

  5. पंचायत सशक्तिकरण: ई-पंचायत, सीएससी सेवा, आत्मनिर्भर आय स्रोतों का विकास।

  6. आवास और सामाजिक सुविधा: जलवायु अनुकूल आवास, सार्वजनिक उद्यान, स्वच्छता की सुविधा।

 प्रदेश को मिलेगा आत्मनिर्भर गांवों का मॉडल

राज्य सरकार का प्रयास है कि इन वृन्दावन ग्रामों को एक संपूर्ण, आत्मनिर्भर, हरित और आध्यात्मिक ग्राम मॉडल के रूप में विकसित किया जाए, जहां ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो और लोग गांव में ही समृद्ध जीवन जी सकें।

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