टिशू कल्चर तकनीक से बढ़ेगी गन्ने की पैदावार
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने गन्ना किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद में मास्टर ट्रेनर के माध्यम से गन्ना किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाए। इस प्रशिक्षण में स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्रों को भी जोड़ा जाएगा, ताकि किसानों को नवीनतम शोध और तकनीकों की जानकारी मिल सके।
गन्ना किसानों को मिला रिकॉर्ड भुगतान
बैठक में विभागीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को गन्ना मूल्य भुगतान की स्थिति से अवगत कराया। जानकारी के अनुसार, पेराई सत्र 2024-25 में अब तक 23,173 करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है, जो कुल देय का 82 प्रतिशत है। वहीं, पिछले आठ वर्षों में 46.50 लाख किसानों को कुल 2,80,223 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। यह वर्ष 1995 से मार्च 2017 (22 वर्षों) में किए गए कुल भुगतान से 66,703 करोड़ रुपये अधिक है। इस अभूतपूर्व भुगतान से प्रदेश के गन्ना किसानों को आर्थिक संबल मिला है और उनकी स्थिति में व्यापक सुधार हुआ है।
टिशू कल्चर तकनीक से बढ़ेगी पैदावार
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि चीनी मिलों में टिशू कल्चर पद्धति से गन्ने की नई प्रजाति का बीज तैयार कराया जाए। इस तकनीक से गन्ने उपज को बढ़ाने में मदद मिलेगी और बेहतर गुणवत्ता वाली फसल प्राप्त की जा सकेगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि नई गन्ना प्रजातियों का आच्छादन तेजी से किया जाए, ताकि उत्पादन में बढ़ोतरी हो और किसानों को अधिक लाभ मिल सके।
सहकारी चीनी मिलों का सुदृढ़ीकरण और प्रबंधन की जवाबदेही
मुख्यमंत्री ने सहकारी चीनी मिलों के प्रबंधन की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए और कहा कि इन्हें लाभ में लाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएं। उन्होंने सहकारी गन्ना विकास समितियों के भवनों के जीर्णोद्धार की भी बात कही, जिससे समितियों की कार्यप्रणाली और अधिक प्रभावी हो सके। इसके अलावा, प्रगतिशील गन्ना किसानों को विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मानित करने की योजना पर भी जोर दिया गया, जिससे अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिले।
गन्ना किसानों के लिए बुनियादी सुविधाएं हों सुनिश्चित
मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी मिलों में गन्ना किसानों के लिए बुनियादी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके तहत सहकारी गन्ना विकास समितियों को किसानों के बैठने, पेयजल व्यवस्था एवं सस्ती कैंटीन की सुविधा देने के लिए दायित्व सौंपा जाएगा। उन्होंने निर्देश दिया कि गन्ना विकास समितियों द्वारा संचालित विद्यालयों की मरम्मत और सुदृढ़ीकरण कार्य तेजी से पूरा किया जाए, ताकि गन्ना किसानों के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध हो सके।
गन्ना फसलों में कीट व बीमारियों की रोकथाम पर जोर
गन्ना फसलों में कीट और बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रभावी व्यवस्था बनाए जाने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समय पर नियंत्रण के उपाय किए जाएं, जिससे गन्ना उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हो सके। इसके लिए वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों की मदद से विशेष जागरूकता अभियान चलाने की भी योजना बनाई जाएगी।
गन्ना शोध परिसरों का होगा सुदृढ़ीकरण
मुख्यमंत्री ने गन्ना शोध परिसर शाहजहांपुर, सेवरही और मुजफ्फरनगर के सुदृढ़ीकरण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन परिसरों में तकनीकी स्टाफ और वैज्ञानिकों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे यहां उन्नत तकनीकों पर अनुसंधान हो सके और किसानों को अधिक लाभ मिल सके।
चीनी मिलों में पारदर्शी प्रशासन पर जोर
मुख्यमंत्री ने सहकारी चीनी मिल संघ एवं उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम के अंतर्गत संचालित मिलों में स्वच्छ छवि वाले अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मिलों के सुचारू संचालन और आर्थिक मजबूती के लिए पारदर्शी प्रशासन आवश्यक है। इसके साथ ही, उन्होंने निर्देश दिया कि चीनी मिलों को इंटीग्रेटेड शुगर कॉम्प्लेक्स के रूप में विकसित किया जाए, जिससे मिलें लाभदायक स्थिति में बनी रहें और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हों।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में गन्ना विकास एवं चीनी मिलें विभाग के कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण समेत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में उठाए गए सभी बिंदुओं पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए, जिससे प्रदेश के गन्ना किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके।