अनुसंधान और शिक्षा में नई ऊंचाइयां
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) का 63वां दीक्षांत सप्ताह आयोजन की शुरुआत 17 मार्च को स्नातकोत्तर छात्रों की उत्कृष्ट शोध उपलब्धियों की प्रस्तुति के साथ हुई। यह सप्ताह अकादमिक उत्कृष्टता, अनुसंधान नवाचार और ग्लोबल सहयोग का उत्सव है, जिसमें संस्थान की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया। समारोह के अंतिम दिन, 22 मार्च को, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर (NASC) में मुख्य दीक्षांत कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें माननीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य अतिथि होंगे।
मुख्य कार्यक्रम:
- 17-18 मार्च: एम.एससी./एम.टेक. एवं पीएच.डी. छात्रों द्वारा उनके उल्लेखनीय अनुसंधान कार्यों की प्रस्तुति।
- 19-20 मार्च: विभिन्न स्कूलों के प्रोफेसरों द्वारा वर्ष 2024 की महत्वपूर्ण शैक्षिक उपलब्धियों की प्रस्तुति।
- 20 मार्च: हूकर पुरस्कार प्राप्तकर्ता का विशेष व्याख्यान एवं भा.कृ.अनु.सं. की 423वीं अकादमिक परिषद बैठक।
- 21 मार्च: 55वां लाल बहादुर शास्त्री स्मृति व्याख्यान, जिसे डॉ. राजेश एस. गोखले, सचिव, डीबीटी, नई दिल्ली द्वारा प्रस्तुत किया गया।
- 22 मार्च: मुख्य दीक्षांत समारोह, जो राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर (NASC) के भारत रत्न सी. सुब्रमण्यम हॉल में आयोजित होगा। मुख्य अतिथि भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान होंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय राज्य मंत्री भगीरथ चौधरी और राम नाथ ठाकुर उपस्थित रहेंगे।
संस्थान की उपलब्धियां
IARI कृषि अनुसंधान, शिक्षा और प्रसार में नवाचार और उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के लिए जाना जाता है। संस्थान ने 12 दशकों में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में अनुसंधान और शिक्षा के लिए एक प्रतिष्ठित केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
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शैक्षणिक उपलब्धियां:
- वर्ष 2024-25 में 1027 नए छात्रों का प्रवेश (377 स्नातक, 313 स्नातकोत्तर, 337 पीएच.डी.)।
- वर्तमान में 3285 नामांकित छात्र, जिनमें 631 एम.एससी./एम.टेक., 1534 पीएच.डी., 1123 स्नातक और 14 अंतर्राष्ट्रीय छात्र शामिल हैं।
- स्नातक विद्यालय में 26 विषयों और 4 स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश।
- 63वें दीक्षांत समारोह में 399 छात्रों को डिग्रियाँ प्रदान की जाएँगी (233 एम.एससी., 166 पीएच.डी., 5 विदेशी छात्र)।
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अनुसंधान एवं नवाचार:
- वर्ष 2024 में 10 विभिन्न फसलों में 27 नई किस्में विकसित की गईं।
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 10 जलवायु-सहिष्णु और बायोफोर्टिफाइड फसल किस्मों का राष्ट्र को समर्पण।
- बासमती धान की उन्नत किस्मों का 5.2 मिलियन टन निर्यात, जिससे ₹48,389 करोड़ की विदेशी मुद्रा अर्जित हुई।
- नई शाकनाशी-सहिष्णु बासमती धान किस्में (पीबी 1979 और पीबी 1985) विकसित, जो प्रत्यक्ष बीजाई के लिए उपयुक्त हैं।
- गेहूं की बायोफोर्टिफाइड किस्में और उच्च प्रोटीन युक्त किस्में विकसित की गईं।
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ग्लोबल सहयोग एवं विस्तार:
- अफगानिस्तान में राष्ट्रीय कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (ANASTU) की स्थापना में सहयोग।
- वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया के साथ डुअल डिग्री पीएच.डी. कार्यक्रम में छात्रों का प्रवेश।
- संस्थान ने लगातार दूसरे वर्ष NIRF इंडिया रैंकिंग 2024 में कृषि और संबद्ध क्षेत्र श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
नवीन पहल और अधोसंरचना विकास
- भा.कृ.अनु.सं.-असम में नए अकादमिक एवं प्रशासनिक भवन, छात्रावास एवं गेस्ट हाउस का उद्घाटन।
- झारखंड हब में स्नातक कार्यक्रम को सुदृढ़ करने के लिए परीक्षा हॉल, पुस्तकालय और खेल सुविधाओं का विकास।
- 16 भा.कृ.अनु.सं. हब की स्थापना (असम, बारामती, बेंगलुरु, भोपाल, कटक, हैदराबाद, झारखंड, जोधपुर, करनाल, कोलकाता, लखनऊ, नागपुर, पटना, रायपुर, रांची, शिलॉन्ग)।
संस्थान शिक्षा, अनुसंधान और वैश्विक सहयोग में निरंतर अग्रणी भूमिका निभाते हुए कृषि क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है।