एक राष्ट्र–एक कृषि–एक टीम का संकल्प

 

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया ‘अन्नदाता सुखी भवः’ का मंत्र

पूर्वी चंपारण की ऐतिहासिक और पवित्र धरती, जहां से महात्मा गांधी ने सत्याग्रह और अहिंसा का मंत्र पूरे विश्व को दिया, आज एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि संकल्प अभियान के तहत पीपराकोठी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित भव्य कार्यक्रम में किसानों से सीधा संवाद किया और उन्हें समृद्धि का संकल्प दिलाया।

कार्यक्रम में चौहान ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, “कृषि मंत्री का अर्थ है – किसानों का पहला सेवक। जब तक अन्नदाता सुखी नहीं होगा, तब तक देश समृद्ध नहीं हो सकता।” अपने संबोधन की शुरुआत में शिवराज सिंह चौहान ने चंपारण की पुण्यभूमि को नमन करते हुए कहा, “इसी धरती से बापू ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ पहला आंदोलन शुरू किया था, जिसने आगे चलकर स्वतंत्रता संग्राम को गति दी। आज मैं इस धरती पर आकर भावुक और प्रेरित हूं।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज वही क्रांति खेती और किसानों के क्षेत्र में लाई जा रही है। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने, कृषि को उन्नत करने और खेती को लाभ का धंधा बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

लीची किसानों की समस्याओं का होगा समाधान

चौहान ने कहा कि बिहार की प्रसिद्ध लीची की फसल जल्दी खराब हो जाने के कारण किसानों को पर्याप्त मूल्य नहीं मिल पाता। इसे देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसी तकनीकों पर काम करें जिससे लीची की शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सके। उन्होंने कोल्ड स्टोरेज की संख्या बढ़ाने और आधुनिक भंडारण सुविधाएं विकसित करने की भी घोषणा की।

मक्का और चावल पैदावार में हुआ बड़ा इजाफा

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की कारगर नीतियों के चलते बिहार में मक्के की खेती में क्रांतिकारी बदलाव आया है। पहले जहां प्रति हेक्टेयर 23 से 24 क्विंटल मक्का का उत्पादन होता था, वहीं अब यह बढ़कर 50 से 60 क्विंटल तक पहुंच गया है। मक्के का उपयोग अब इथेनॉल निर्माण में भी हो रहा है, जिससे इसकी मांग और मूल्य दोनों में वृद्धि हुई है।

श्री चौहान ने चावल की दो नई किस्मों का उल्लेख करते हुए बताया कि इन किस्मों को वैज्ञानिकों ने विकसित किया है, जो 20 प्रतिशत कम पानी में 30 प्रतिशत अधिक उत्पादन दे सकती हैं। इससे पानी की बचत और पैदावार दोनों में सुधार होगा।

नकली कीटनाशकों पर सख्त कार्रवाई 

कृषि मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि नकली कीटनाशक बनाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “यह किसानों की मेहनत और फसल के साथ धोखा है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

बिहार के चिवड़ा को मिलेगा वैश्विक बाजार

चौहान ने यह भी कहा कि बिहार के प्रसिद्ध चिवड़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए कृषि निर्यात नीति के तहत आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

एक राष्ट्र–एक कृषि–एक टीम

कृषि मंत्री ने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को विस्तार से समझाते हुए बताया कि देश भर में 16 हजार वैज्ञानिक ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर किसानों से सीधे संवाद कर रहे हैं। यह अभियान ‘लैब से लैंड’ तक ज्ञान और तकनीक पहुंचाने का माध्यम बन रहा है।

अंत में चौहान ने कहा, “प्रधानमंत्री जी का लक्ष्य है कि देश की 145 करोड़ जनता को भरपूर और पोषक आहार मिले। इसके लिए किसानों की समृद्धि और कृषि का विकास अनिवार्य है। हम ‘एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़ेंगे और भारत को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएंगे।”

कार्यक्रम में पूर्वी चंपारण के सांसद राधा मोहन सिंह, क्षेत्रीय विधायकगण, कृषि वैज्ञानिक, अधिकारी और बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। किसानों ने श्री चौहान से अपनी समस्याएं साझा कीं और योजनाओं की जानकारी भी ली। कार्यक्रम में जोश और उत्साह का वातावरण देखने को मिला।

कृषि मंत्री का यह दौरा न केवल बिहार के किसानों के लिए उम्मीद की किरण साबित हुआ, बल्कि यह संदेश भी दिया कि जब अन्नदाता सुखी होगा, तभी भारत आत्मनिर्भर और समृद्ध बनेगा।

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