टमाटर ग्रैंड चैलेंज (TGC)

शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल और भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग ने मिलकर टमाटर ग्रैंड चैलेंज (TGC) नामक हैकथॉन की शुरुआत की। टमाटर मूल्य श्रृंखला के विभिन्न स्तरों पर नवोन्मेषकों से नवीन विचार जुटाने का लक्ष्य था। 30 जून 2023 को शुरू हुआ चैलेंज ने विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, उद्योग जगत, स्टार्ट-अप्स और पेशेवरों से बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया प्राप्त की।
उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव, निधि खरे ने बताया कि चैलेंज से 1,376 विचार मिले। इन विचारों का सही मूल्यांकन करने के बाद 28 विचारों को प्रारूप विकास और मार्गदर्शन के लिए धन दिया गया। इन विचारों ने टमाटर उत्पादन, प्रसंस्करण और वितरण से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को हल किया है।

भारत का टमाटर उत्पादन

सालाना 20 मिलियन मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन करके भारत विश्व में टमाटर का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। लेकिन भारी बारिश और अचानक गर्मी जैसे खराब मौसम परिस्थितियां उत्पादन और उपलब्धता पर प्रभाव डालती हैं, जिससे कीमतों में भारी गिरावट होती है। किसानों की आय और आपूर्ति श्रृंखलाएँ इससे प्रभावित होती हैं। TGC का मूल चैलेंज था नवीन विचारों के माध्यम से इन समस्याओं का समाधान खोजना।

ग्रैंड चैलेंज का उद्देश्य

TGC का मूल चैलेंज था नवीन विचारों के माध्यम से इन समस्याओं का समाधान खोजना।

प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया:

  • उत्पादन-पूर्व समस्याएँ: जलवायु-अनुकूल बीजों की कमी और खराब कृषि पद्धतियाँ।
  • उपज के बाद नुकसान: कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं की कमी और फसल की बर्बादी।
  • प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन: अधिक उपज के दौरान अपर्याप्त प्रसंस्करण ढांचा।
  • आपूर्ति श्रृंखला: बिचौलियों और फसल आपूर्ति में रुकावट के कारण मूल्य अस्थिरता।
  • बाजार पहुँच और पूर्वानुमान: आपूर्ति बाधित होने और मांग अनुमान में कमी के कारण मूल्य गिरावट और बर्बादी।
  • तकनीकी अपनाना: आधुनिक कृषि तकनीकों जैसे कि आईओटी-आधारित निगरानी के उपयोग में कमी।
  • पैकेजिंग और परिवहन: बेहतर और लागत प्रभावी पैकेजिंग एवं परिवहन समाधानों की आवश्यकता।

टीजीसी का विकास और चयन प्रक्रिया
टीजीसी के पहले चरण में 423 विचार शॉर्टलिस्ट किए गए, दूसरे चरण 29 विचार लिया गया, जिसमें 28 परियोजनाओं को फंडिंग और मेंटरशिप मिली। परियोजनाओं की समय-समय पर निगरानी की गई, संक्षिप्त दौरे किए गए और एआईसीटीई और डीओसीए की टीजीसी मूल्यांकन समिति द्वारा समीक्षा की गई। विशेषज्ञों के पैनल द्वारा 14-15 अक्टूबर 2024 को मूल्यांकन को अंतिम रूप दिया गया जिसे परियोजनाओं को उनकी प्रासंगिकता, मापनीयता और नवाचार के आधार पर आंका गया।

मुख्य परिणाम और पेटेंट
टीजीसी के परिणामस्वरूप कई इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (आईपी) दर्ज की गई, जिनमें 14 पेटेंट, 4 डिज़ाइन पंजीकरण/ट्रेडमार्क और 10 प्रकाशन शामिल हैं। इनमें से कुछ प्रमुख नवाचारों में शामिल हैं:

  • फसल को अधिक समय तक ताजगी बनाए रखने और नुकसान को कम करने के लिए नए पैकेजिंग और परिवहन समाधान
  • ऐसे प्रसंस्कृत उत्पाद जो बर्बादी को कम करते हैं और सालभर उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं।

नवीनतम समाधानों से किसानों और उपभोक्ताओं को लाभ
टमाटर ग्रैंड चैलेंज ने समाधान, मूल्य में स्थिरता, लचीलापन, बर्बादी को कम करने, और हितधारकों के लिए लाभप्रदता बढ़ाने का वादा किया है। यह पहल भारत में अन्य कृषि वस्तुओं के लिए भी एक बेंचमार्क स्थापित करती है।

टीजीसी ने शिक्षा, उद्योग और सरकार के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया, जिससे कृषि क्षेत्र में प्रभावी और सतत समाधान सामने आए। यह पहल भारत में नवाचार और स्मार्ट एग्रीकल्चर के भविष्य की दिशा तय करती है भारत सरकार की टमाटर ग्रैंड चैलेंज ने न केवल कृषि क्षेत्र की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया है, बल्कि इससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होने की उम्मीद है। इस चैलेंज ने सहयोग और नवाचार की शक्ति को साबित किया है, जो भारत की कृषि को स्थिर और लाभकारी बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

Tomato Grand Challenge नवाचार और सहयोग की शक्ति का उदाहरण है। इसने भारत की कृषि समस्याओं के लिए निरंतर और कारगर समाधानों का मार्ग प्रशस्त किया है, जो शिक्षा, उद्योग और सरकार को एकजुट करता है। टमाटर उत्पादक और उपभोक्ता दोनों इस पहल से लाभ उठाएंगे।इसने कृषि क्षेत्र की कई समस्याओं को हल किया है। इस चुनौती ने सहयोग और नवाचार की शक्ति को दिखाया है, जो भारत की कृषि को स्थिर और फायदेमंद बनाने में मदद करेगा।

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