भारत-इज़राइल कृषि साझेदारी का नया अध्याय

कृषि में नवाचार: पूसा का ग्लोबल प्रदर्शन

नई दिल्ली – भारत और इज़राइल के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग को और मजबूती मिली जब केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान और इज़राइल के कृषि एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री अवि दिख्तर ने दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), पूसा का दौरा किया। इस अवसर पर दोनों मंत्रियों ने आईएआरआई द्वारा विकसित संरक्षित खेती की तकनीकों और किस्मों का गहन अवलोकन किया।

दौरे की शुरुआत में आईएआरआई के संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) ने मंत्रियों को संस्थान की उपलब्धियों, विशेष रूप से भारत-इज़राइल कृषि सहयोग के अंतर्गत संरक्षित खेती के क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 1996 में इज़राइल के तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम एज़र वीज़मैन और भारत के तत्कालीन कृषि मंत्री श्री चतुरानन मिश्रा द्वारा पूसा परिसर में भारत-इज़राइल कृषि परियोजना की आधारशिला रखी गई थी।

इस परियोजना के तहत 1998 में एक अत्याधुनिक ग्रीनहाउस की स्थापना की गई थी, जिसे दोनों देशों के विशेषज्ञों के संयुक्त प्रयास से विकसित किया गया। आज यह संरचना भारत में संरक्षित खेती के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट उदाहरण बन चुकी है।

प्रदर्शित फसलें और किस्में:

दौरे के दौरान मंत्रियों और उनके प्रतिनिधिमंडल ने उस ग्रीनहाउस का निरीक्षण किया जहाँ पर आईएआरआई द्वारा विकसित उच्च गुणवत्ता की सब्जियों और फूलों की किस्मों की खेती की जा रही है। इनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल थीं:

  • टमाटर की किस्में: पूसा कॉकटेल टमाटर, पूसा चेरी टमाटर हाइब्रिड 1, पूसा रक्षित

  • शिमला मिर्च की किस्में: सीपीसीटी-31सी-11 (पीला), सीपीसीटी-एवी-151 (नारंगी),

  • सीपीसीटी-33ए-2 (लाल)

  • खीरा: पूसा पार्थेनोकार्पिक खीरा

  • ग्रीष्मकालीन स्क्वैश: पूसा अलंकार

  • फूलों की किस्में: गुलदाउदी ज़ेम्बला, मैरीगोल्ड पूसा पर्व, पूसा बहार, पूसा दीप

मंत्रियों ने इन किस्मों की गुणवत्ता, उत्पादन तकनीक और वैज्ञानिक प्रबंधन पर संतोष व्यक्त किया और सराहना की कि किस प्रकार से वैज्ञानिक नवाचार किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती को लाभकारी बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

संयुक्त प्रशिक्षण एवं प्रसार:

संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि भारत-इज़राइल कृषि सहयोग के अंतर्गत देश के विभिन्न हिस्सों में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो किसानों और कृषि अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। संरक्षित खेती की तकनीकों का व्यापक प्रसार किया गया है और इसके सकारात्मक परिणाम किसानों की आय में वृद्धि और उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार के रूप में सामने आए हैं।

उपस्थित अधिकारी:

इस महत्वपूर्ण अवसर पर केंद्रीय कृषि सचिव एवं आईसीएआर के प्रभारी महानिदेशक देवेश चतुर्वेदी, आईएआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि मंत्रालय के अधिकारीगण और इज़राइल दूतावास के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे। सभी ने इस दौरे को भारत-इज़राइल कृषि संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

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