4 से 7 अक्टूबर तक उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश व ओलावृष्टि की आशंका: मौसम विभाग
नई दिल्ली,- भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 4 अक्टूबर को एक एक अहम चेतावनी जारी करते हुए देश के कई हिस्सों में अगले तीन से चार दिनों तक भारी से अत्यधिक भारी वर्षा और ओलावृष्टि की चेतावनी दी है। विभाग के अनुसार, 4 से 7 अक्टूबर के दौरान उत्तर बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत के अन्य हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से मौसम अस्थिर रहेगा। यह मौसम परिवर्तन केवल जनजीवन पर ही नहीं बल्कि खेती-किसानी पर भी गहरा असर डालने वाला है।
पिछले 24 घंटे का अवलोकन
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4 अक्टूबर की सुबह 08:30 तक अलग-अलग स्थानों पर 32 सेमी तक की असाधारण भारी बारिश दर्ज की गई है, खासकर सीवान (महाराजगंज)।
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उत्तर बिहार में अधिकांश स्थानों पर ≥ 21 सेमी की अत्यधिक भारी वर्षा हुई।
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पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, तमिलनाडु आदि में 7–20 सेमी की भारी से बहुत भारी वर्षा पाई गई।
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राजस्थान, मध्य प्रदेश, असम, मेघालय तथा पश्चिम बंगाल आदि प्रदेशों में कई स्थानों पर 7–11 सेमी की भारी वर्षा हुई।
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दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी रेखा आगामी गतिविधियों को प्रभावित कर रही है।
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हाल ही में बनने वाले निम्न दाब क्षेत्र तथा सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ 5–7 अक्टूबर के बीच मौसम को और अस्थिर कर सकते हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी रेखा और बंगाल की खाड़ी में सक्रिय निम्न दबाव क्षेत्र के कारण यह स्थिति बनी है।
आगामी 4–7 अक्टूबर का पूर्वानुमान
देशव्यापी एवं क्षेत्रीय प्रभाव
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पूरे भारत में 4 अक्टूबर को उत्तर बिहार में अत्यधिक भारी वर्षा (≥ 21 सेमी), और कुछ स्थानों पर असाधारण भारी (≥ 30 सेमी) की संभावना।
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उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 4–5 अक्टूबर को स्थान-स्थान पर अत्यधिक बारिश एवं 6 अक्टूबर को भारी बारिश।
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झारखंड में 4–5 अक्टूबर को तथा बिहार में 6 अक्टूबर को कई स्थानों पर तूफान, गरज-चमक और भारी बारिश की संभावना।
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तटीय दक्षिण भारत (तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, रायलसीमा) में 4–5 अक्टूबर को हल्की से मध्यम बारिश और तूफानी हवा चलने का पूर्वानुमान।
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उत्तर-पश्चिम भारत में 4 अक्टूबर को बिखरी हुई बारिश, तथा 5 से 7 अक्टूबर के बीच व्यापक बारिश और तूफान की संभावना।
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दिल्ली / एनसीआर क्षेत्र में 4 से 7 अक्टूबर तक मौसम अपेक्षाकृत स्थिर रहेगा, लेकिन 6 और 7 अक्टूबर को गरज-चमक, ओलावृष्टि एवं तेज हवाएं संभव हैं।
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जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान आदि क्षेत्रों में 5-7 अक्टूबर के दौरान भी भारी बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी है।
विशेष सावधानियां एवं असर
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जलभराव / बाढ़ का खतरा: निचले इलाकों और नदियों के किनारे वाले स्थानों में जलभराव एवं बाढ़ हो सकती है।
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यातायात बाधित: प्रमुख सड़कें, पुल, स्थानीय मार्गों पर पानी भरने से यातायात प्रभावित होगा।
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पवन एवं ओलावृष्टि: 5 और 6 अक्टूबर को ओलावृष्टि के कारण फसल, बाग-बगीचे व खुली संरचनाओं को नुकसान होने का खतरा।
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पशुपालन और ग्रामीण जीवन पर असर
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ग्रामीण क्षेत्रों में चारा और चारे की गुणवत्ता प्रभावित होगी।
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मवेशियों के खुले में रहने से बीमारियाँ फैलने का खतरा बढ़ जाएगा।
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बिजली और सड़क सेवाओं पर असर पड़ने से दूध व डेयरी आपूर्ति बाधित हो सकती है।
- कृषि प्रभावित: अनाज, फसल, फल एवं सब्जियों में जलजमाव या ओलावृष्टि से हानि संभव।
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बुनियादी सुविधाएं बाधित हो सकती हैं: बिजली, पानी, नगर स्वच्छता आदि सेवाओं में अस्थायी व्यवधान की आशंका।
मछुआरों के लिए सलाह: 4–7 अक्टूबर के दौरान अरब सागर, गुजरात और महाराष्ट्र तटवर्ती क्षेत्रों में मछली पकड़ने पर रोक रखें।
मौसम विभाग और कृषि विशेषज्ञों की सलाह
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कटाई की हुई फसलों को खुले खेतों में न छोड़ें, सुरक्षित स्थान पर रखें।
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खेतों में जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
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सब्जियों और बागवानी फसलों में ओलावृष्टि से बचाव के लिए नेट या पॉलीहाउस कवर का उपयोग करें।
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पशुओं को सुरक्षित शेड में रखें और पानी जमा न होने दें।
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किसानों को सलाह: वे कृषि मौसम केंद्र की ताजा अपडेट लगातार देखते रहें और उसी अनुसार फसल सुरक्षा उपाय अपनाएँ।
विशेष चेतावनी
मौसम विभाग ने खासकर बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के किसानों को सतर्क किया है। यहां 21 सेमी से अधिक वर्षा और कुछ जगहों पर 30 सेमी तक की असाधारण वर्षा संभव है। वहीं, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के किसानों को 6 और 7 अक्टूबर को ओलावृष्टि से सावधान रहने को कहा गया है।
सारांश
भारी बारिश और ओलावृष्टि का यह दौर खेती-किसानी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। फसल कटाई में देरी, पैदावार की हानि और बाढ़-ओलावृष्टि से किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। कृषि वैज्ञानिकों और मौसम विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे सतर्कता और वैज्ञानिक उपाय अपनाकर नुकसान को कम से कम करें।
सभी चित्र: प्रतीकात्मक(AI)