मिशन सैफरन: पूर्वोत्तर में केसर की खेती का विस्तार

जम्मू-कश्मीर के पंपोर की तर्ज पर पूर्वोत्तर में केसर की खेती

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत जल्द ही केसर उत्पादन का नया केंद्र बनेगा। उन्होंने बताया कि मिशन सैफरन पहल के तहत 2021 से सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में केसर की खेती का विस्तार किया गया है।

केसर उत्पादन में विस्तार
प्रतीकात्मक चित्र

अरुणाचल प्रदेश के मेनचुखा और सिक्किम के युकसोम में बड़े पैमाने पर केसर की खेती की जा रही है। इसके अलावा, नागालैंड और मणिपुर में भी केसर की खेती को बढ़ावा देने की योजनाएं चल रही हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने भरोसा जताया कि पूर्वोत्तर जल्द ही जम्मू-कश्मीर के पंपोर के बाद केसर उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र बन जाएगा। यह पहल बंजर भूमि के उपयोग को बढ़ावा देने और कृषि दक्षता सुधारने के लिए बनाई गई है।

नेक्टर केंद्र का शिलान्यास

शिलांग में उत्तर-पूर्वी प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग एवं प्रसार केंद्र (नेक्टर) के नए स्थायी परिसर की आधारशिला रखते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर को कृषि और तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर में बड़े बदलाव हो रहे हैं, जिससे तकनीकी और कृषि उन्नति को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने पिछले दस वर्षों में बुनियादी ढांचे और तकनीकी प्रगति पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि सड़क, रेलवे और हवाई परिवहन जैसी सुविधाओं के विस्तार से क्षेत्र में संपर्क और आर्थिक विकास को गति मिली है।

पूर्वोत्तर का विकास सर्वोच्च प्राथमिकता

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “पूर्वोत्तर का विकास प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकताओं में से एक है। 2014 से पहले की स्थिति की तुलना में आज बड़ा बदलाव दिखता है। पहले यह क्षेत्र कनेक्टिविटी की समस्या से जूझ रहा था, लेकिन अब मजबूत बुनियादी ढांचे के कारण आर्थिक और वैज्ञानिक विकास संभव हो रहा है।”

स्वदेशी तकनीक से नवाचार को बढ़ावा

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत 2014 में स्थापित नेक्टर की भूमिका को रेखांकित करते हुए, उन्होंने कहा कि यह संस्थान आत्मनिर्भरता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहा है। जम्मू-कश्मीर में लैवेंडर खेती की तर्ज पर पूर्वोत्तर में केसर की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

उन्होंने ‘स्वामित्व’ योजना के तहत ड्रोन तकनीक से भूमि मानचित्रण, बांस और शहद उत्पादन में हुई प्रगति का भी जिक्र किया।

पूर्वोत्तर बनेगा भारत की विकास गाथा का अहम हिस्सा

डॉ. जितेंद्र सिंह ने विश्वास जताया कि नेक्टर तकनीक के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक अंतर को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में पूर्वोत्तर एक प्रमुख भूमिका निभाएगा

उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है, पूर्वोत्तर जैसे क्षेत्रों से नवाचार और मूल्य संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान आएगा।

सरकार की प्रतिबद्धता

कार्यक्रम के समापन पर, डॉ. जितेंद्र सिंह ने दोहराया कि केंद्र सरकार विज्ञान, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से पूर्वोत्तर को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि पूर्वोत्तर भारत के विकास पथ पर अन्य राज्यों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो

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