कृषि में क्रांति के लिए केवीके को सशक्त बनाएं: शिवराज सिंह चौहान

देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों से संवाद, खेती-किसानी में नवाचार पर जोर

नई दिल्ली, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) से ऑनलाइन संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों से किसान उन्मुख प्रयासों में तेजी लाने और खेती-किसानी की उन्नति में सशक्त माध्यम बनने की अपील की।

चौहान ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र खेती में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते हैं। उन्होंने सभी केंद्रों से खरीफ फसल की बुआई से पहले किसानों के बीच जागरूकता अभियान चलाने को कहा। इसके तहत किसानों को प्राकृतिक खेती, जल संरक्षण और उत्पादकता बढ़ाने के तरीके बताए जाएंगे।

बैठक में यह प्रस्ताव भी रखा गया कि बेहतर कार्य करने वाले केवीके को भविष्य में पुरस्कृत किया जाएगा। इस संवाद कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रमुखों के साथ कृषि वैज्ञानिक और आईसीएआर के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। कई केवीके प्रमुखों ने अपने क्षेत्र में किए गए महत्त्वपूर्ण कार्यों और उपलब्धियों की जानकारी दी।

शिवराज सिंह ने कहा कि देश की लगभग 45% आबादी खेती पर निर्भर है और 18% जीडीपी कृषि क्षेत्र से आती है। ऐसे में खेती को मजबूत बनाने के लिए हमें अभियान की तरह काम करना होगा।

उन्होंने किसानों के प्रशिक्षण और जागरूकता पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड के जरिए किसानों को उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए सही सलाह दी जानी चाहिए, ताकि भूमि की उपजाऊ शक्ति बनी रहे।

कृषि मंत्री ने खेती को उन्नत बनाने के लिए 6 सूत्रीय रणनीति भी बताई:

  1. उत्पादन बढ़ाना,

  2. लागत घटाना,

  3. फसलों का उचित मूल्य दिलाना,

  4. नुकसान की भरपाई करना,

  5. खेती का विविधिकरण करना,

  6. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना

उन्होंने प्राकृतिक खेती में उच्च मापदंड स्थापित करने और अच्छे बीज, नई तकनीक और नए मॉडल फार्म विकसित करने पर भी बल दिया।

श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “प्रति बूंद अधिक फसल” के विजन का उल्लेख करते हुए कहा कि कम पानी में ज्यादा उत्पादन की दिशा में हमें जल संरक्षण पर और अधिक काम करना चाहिए।

सभा के अंत में, श्री चौहान ने सभी केवीके प्रमुखों से कहा कि वे अपने कार्य को पूजा की तरह समझें और परिणामों पर केंद्रित होकर काम करें। उन्होंने घोषणा की कि 15 जून 2025 से खरीफ फसल बुआई से पहले एक विशेष जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें किसानों को नई तकनीक और खेती से जुड़ी जरूरी जानकारी दी जाएगी।

इस संवाद कार्यक्रम से स्पष्ट हो गया कि सरकार खेती-किसानी में सुधार लाने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है।

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