255 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ,मत्स्य क्षेत्र को मिलेगी नई उड़ान
मुंबई में आयोजित ‘कोस्टल स्टेट्स फिशरीज मीट 2025’ के अवसर पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने आज मत्स्य क्षेत्र के विकास के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और टिकाऊ कार्य प्रणालियों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस कार्यक्रम के दौरान श्री सिंह ने लगभग 255 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
अपने संबोधन में मंत्री ने क्षेत्रीय मत्स्य परिषद (Regional Fisheries Council) के गठन, ‘नीली क्रांति‘, ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY)’, और ‘मत्स्य अवसंरचना विकास निधि’ जैसी योजनाओं की प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने देश के समुद्री संसाधनों के बेहतर उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया, खासकर लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता देने की बात कही।
क्षेत्रीय मत्स्य परिषद और योजनाओं की प्रगति

सिंह ने बताया कि मत्स्य क्षेत्र के बेहतर प्रबंधन के लिए क्षेत्रीय मत्स्य परिषद (Regional Fisheries Council) की स्थापना की गई है। उन्होंने ‘नीली क्रांति’, ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ (PMMSY) और ‘मत्स्य अवसंरचना विकास निधि’ जैसी सरकारी योजनाओं के माध्यम से मत्स्य उत्पादन में हो रही प्रगति का भी उल्लेख किया। मंत्री ने देश के विशाल समुद्री संसाधनों को पूरी क्षमता से उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार में विकास की योजना
सिंह ने विशेष रूप से लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूहों में मत्स्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को विकसित करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने समुद्री जीवन के संरक्षण और टिकाऊ मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कृत्रिम रीफ (Artificial Reefs) लगाने और आधुनिक बंदरगाहों के निर्माण जैसे उपायों की जानकारी दी।
मत्स्य क्षेत्र में महिलाओं का सशक्तिकरण
केंद्रीय मंत्री ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए मत्स्य क्षेत्र में समुद्री खेती (Mariculture) और समुद्री शैवाल खेती (Seaweed Farming) को बढ़ावा देने की योजना का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इन पहलों से महिलाओं को नए रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनकी आय में वृद्धि होगी।
प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने भारत की उपलब्धियां गिनाईं
केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने बताया कि भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश बन चुका है। उन्होंने ‘नीली क्रांति’ और ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ के तहत किए गए निवेश और नवाचारों की सराहना की। प्रो. बघेल ने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, नई खेती तकनीकों और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से मत्स्य क्षेत्र में तेजी से बदलाव आ रहा है।
जॉर्ज कुरियन का “नीला चक्र” विजन
केंद्रीय राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “नीले चक्र” के विजन का उल्लेख करते हुए समुद्री अर्थव्यवस्था की विशाल संभावनाओं पर ध्यान दिलाया। उन्होंने बताया कि:
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भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के मत्स्य संसाधनों का दोहन किया जाएगा।
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समुद्री शैवाल खेती को बड़े स्तर पर बढ़ावा मिलेगा।
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1 लाख सुरक्षा ट्रांसपोंडर मछुआरों को वितरित किए जाएंगे।
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100 जलवायु सक्षम तटीय गांवों का विकास किया जाएगा।
डॉ. अभिलक्ष लिखी ने बताया मत्स्य क्षेत्र की बढ़ती रफ्तार
मत्स्य विभाग के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने कहा कि 2014-15 से अब तक भारत के मत्स्य क्षेत्र में 9.8% की वृद्धि हुई है। उन्होंने भारत के 11,000 किलोमीटर लंबे समुद्र तट और विशेष आर्थिक क्षेत्र में छुपी अपार संभावनाओं का सही दोहन करने की जरूरत बताई।
डॉ. लिखी ने बताया कि:
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स्मार्ट बंदरगाहों (Smart Harbours) का विकास होगा।
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मरीन फिशरीज रेगुलेशन एक्ट (MFRA) में संशोधन कर नए इंफ्रास्ट्रक्चर को समर्थन दिया जाएगा।
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बायोमेट्रिक पहचान पत्र और सुरक्षा ट्रांसपोंडर के जरिए मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
तकनीकी सत्रों में गहन चर्चा
कार्यक्रम के दौरान कई महत्वपूर्ण तकनीकी सत्र भी आयोजित किए गए, जिनमें चर्चा के प्रमुख विषय थे:
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समुद्री मत्स्य शासन को मजबूत करना, निगरानी और सुरक्षा उपाय बढ़ाना।
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निर्यात बढ़ाने के लिए मछलियों की गुणवत्ता सुधारना और पूरी आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ बनाना।
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ट्रेसबिलिटी और प्रमाणन प्रणाली को बढ़ावा देना ताकि भारतीय मत्स्य उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहचान मिल सके।
राज्यों और केंद्र के बीच सहयोग की अपील
बैठक में सभी समुद्र तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्य मंत्रियों और अधिकारियों ने भाग लिया।
सभी ने एकमत होकर कहा कि:
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केंद्र और राज्य सरकारों को आपसी सहयोग बढ़ाना होगा।
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नवाचार, आधारभूत संरचना का विकास और बाजार से सीधे जुड़ाव को प्राथमिकता देनी होगी।
यह बैठक देश भर के समुद्री राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्य मंत्रियों, अधिकारियों और प्रमुख हितधारकों को एक मंच पर लाने का महत्वपूर्ण अवसर बनी। सभी ने अपने-अपने राज्यों के अनुभव, सफलताएं और चुनौतियां साझा कीं। बातचीत का मुख्य फोकस मत्स्य पालन क्षेत्र की बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, नवाचार को बढ़ावा देने, बाजार से जोड़ने और सतत आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने पर रहा।
#photo Courtesy: Min of FAH&D