शिवराज सिंह चौहान ने कृषि विकास पर दिया जोर
काठमांडू: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित तीसरी बिम्सटेक कृषि मंत्रिस्तरीय बैठक (BAMM) में भारत का नेतृत्व किया। इस महत्वपूर्ण बैठक में भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, म्यांमार, थाईलैंड और श्रीलंका के कृषि मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना, नवाचार और सतत कृषि विकास को बढ़ावा देना और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
बैठक में भारत द्वारा ‘भारत में कृषि सहयोग के लिए बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्र’ स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया। यह केंद्र डिजिटल प्रौद्योगिकियों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, प्राकृतिक खेती और जलवायु अनुकूलन पर कार्य करेगा और कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में बिम्सटेक देशों के बीच सहयोग को और मजबूती देगा।
बिम्सटेक से भारत की प्रतिबद्धता
बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बिम्सटेक दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ने का प्रभावी मंच है। उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति में ‘पड़ोसी पहले’ और ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ को बढ़ावा देने के लिए बिम्सटेक एक स्वाभाविक विकल्प है। चौहान ने कहा, “हमारा साझा इतिहास और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत हमें स्वाभाविक साझेदार बनाती है। बिम्सटेक देशों को मिलकर क्षेत्रीय कृषि सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए।”
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत किसानों के सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएं लागू कर रहा है, जिनमें नकद हस्तांतरण, संस्थागत ऋण की आसान उपलब्धता, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, फसल बीमा योजना और महिला किसानों को ड्रोन देने के लिए नमो ड्रोन दीदी योजना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल तकनीकों का उपयोग कर किसानों को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान दे रहा है।
बिम्सटेक कृषि सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता
शिवराज सिंह ने बताया कि भारत बिम्सटेक कृषि सहयोग (2023-2027) के तहत विभिन्न प्रशिक्षण और कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत बिम्सटेक सदस्य देशों के छात्रों को भारत में एम.एससी. और पीएचडी करने के लिए पूरी तरह से वित्तपोषित बिम्सटेक छात्रवृत्ति भी प्रदान कर रहा है, जिससे क्षेत्र में कृषि विशेषज्ञता को बढ़ावा मिलेगा।
भारत ने इस बैठक में बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव रखा, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में ज्ञान और प्रौद्योगिकी साझा करना, उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के उपायों पर ध्यान केंद्रित करना है। यह केंद्र ड्रोन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल कृषि तकनीकों के माध्यम से किसानों की उत्पादकता और आय बढ़ाने में मदद करेगा।
मुंबई में विश्व ऑडियो विजुअल मनोरंजन शिखर सम्मेलन-2025 में भागीदारी का आग्रह
बैठक के दौरान, चौहान ने 1-4 मई, 2025 को मुंबई में आयोजित होने वाले विश्व ऑडियो विजुअल मनोरंजन शिखर सम्मेलन (AVGC Summit 2025) में बिम्सटेक सदस्य देशों को भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन मनोरंजन, रचनात्मकता और संस्कृति के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देगा और मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। यह सम्मेलन कंटेंट क्रिएटर्स, तकनीकी विशेषज्ञों और उद्योग के अग्रणी नेताओं को एक मंच पर लाने का कार्य करेगा।
बिम्सटेक देशों के बीच कृषि सहयोग को बढ़ाने पर सहमति
बैठक के अंत में बिम्सटेक देशों ने कृषि नवाचारों को साझा करने, खाद्य सुरक्षा बढ़ाने और सतत कृषि विकास के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई। बिम्सटेक कृषि सहयोग (2023-2027) को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए ठोस कदम उठाने पर भी सहमति बनी।
चौहान ने इस बात पर जोर देते हुए निष्कर्ष निकाला कि बिम्सटेक क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा, जलवायु अनुकूलन और कृषि के सतत विकास के लिए भारत प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत बिम्सटेक देशों के साथ कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा।
यह बैठक क्षेत्रीय कृषि विकास और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए बिम्सटेक देशों के बीच मजबूत सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।