कृषि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था तक, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम

बजट के बाद वेबिनार में प्रधानमंत्री की अहम अपील

बजट के बाद आयोजित वेबिनार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी स्टेकहोल्डर्स की उपस्थिति को महत्वपूर्ण बताया और सरकार की नीतियों को धरातल पर उतारने के लिए उनके सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि यह बजट उनकी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट था, जिसमें विकसित भारत के विजन को विस्तार दिया गया है।

कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की समृद्धि

पीएम किसान सम्मान निधि योजना को लागू हुए 6 वर्ष हो चुके हैं। इस योजना के तहत अब तक लगभग 3.75 लाख करोड़ रुपये किसानों को प्रदान किए जा चुके हैं। यह राशि सीधे 11 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में पहुंचाई गई है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।

हमने एक किसान-केंद्रित डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया है, जिससे योजना का लाभ बिना किसी बिचौलिए या लीकेज के किसानों तक पहुंचे—यह एक नो-कट नीति का उदाहरण है। यह दर्शाता है कि जब विजनरी और विशेषज्ञ लोगों का सहयोग मिलता है, तो योजनाएं शीघ्र और प्रभावी रूप से सफल होती हैं।

प्रतीकात्मक ग्राफिक्स

आपके योगदान से किसी भी योजना को पूरी पारदर्शिता और मजबूती के साथ धरातल पर उतारा जा सकता है। मैं इसके लिए आप सभी के सहयोग की सराहना करता हूं। अब हमें इस वर्ष के बजट की घोषणाओं को अमल में लाने के लिए तेजी से कार्य करना होगा। इसमें भी आपका सहयोग पहले की तरह मिलेगा ही, बल्कि और अधिक व्यापक रूप में, हर क्षेत्र में आवश्यक होगा।

कृषि उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि

प्रधानमंत्री ने बताया किआज भारत का कृषि उत्पादन ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच चुका है। करीब 10-11 साल पहले जहां कृषि उत्पादन 265 मिलियन टन था, वहीं अब यह बढ़कर 330 मिलियन टन से अधिक हो गया है। इसी तरह, बागवानी उत्पादन भी 350 मिलियन टन से ऊपर पहुंच चुका है। यह हमारी सरकार की बीज से बाजार तक की समग्र नीति, कृषि सुधारों, किसानों के सशक्तिकरण और मजबूत वैल्यू चेन का परिणाम है।

हमने बजट में पीएम धन धान्य कृषि योजना की घोषणा की है, जो मेरे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस योजना के तहत देश के 100 सबसे कम कृषि उत्पादकता वाले जिलों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

हमने देखा है कि Aspirational Districts कार्यक्रम के तहत विकास के विभिन्न पहलुओं पर बेहतरीन परिणाम मिले हैं। इन जिलों को सहयोग, सुशासन, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और संपर्क (convergence) का सीधा लाभ मिला है। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि इन जिलों में हुए बदलावों का गहन अध्ययन करें और इनसे मिली सीख को पीएम धन धान्य कृषि योजना में लागू करें। हमें इस योजना को तेज़ी से आगे बढ़ाना है ताकि इन 100 जिलों में किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो सके।

दाल उत्पादन और आत्मनिर्भरता की ओर कदम

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में दलहन उत्पादन बढ़ा है, लेकिन अब भी 20 प्रतिशत घरेलू खपत आयात पर निर्भर है। उन्होंने चना और मूंग में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है, लेकिन तुअर, उड़द और मसूर के उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता बताई।

नई तकनीकों से कृषि क्षेत्र में सुधार

पिछले दशक में, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने Breeding program में modern tools और cutting-edge technologies का इस्तेमाल किया।  इसके परिणामस्वरूप 2014 से 2024 के बीच अनाज, तिलहन, दालें, चारा, गन्ना और अन्य फसलों की 2900 से अधिक नई किस्में विकसित की गईं। अब यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि ये नई वैरायटीज किसानों को किफायती दरों पर उपलब्ध हों और उनकी फसलें मौसम के उतार-चढ़ाव से कम प्रभावित हों।

इस वर्ष के बजट में उच्च उपज वाले बीजों के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू करने की घोषणा की गई है। मैं विशेष रूप से निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों से आग्रह करूंगा कि वे इन बीजों के प्रसार पर ध्यान दें। छोटे किसानों तक इन उन्नत बीजों की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए इन्हें सीड चेन का हिस्सा बनाना होगा, और इसमें हम सभी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

आज के दौर में पोषण के प्रति जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। इसी कारण बागवानी, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है। फलों और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई योजनाएँ चल रही हैं, और बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की भी घोषणा की गई है। यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे उत्पाद देश के हर कोने तक पहुंचे और वैश्विक बाजारों में भी अपनी पहचान बनाए।

प्रतीकात्मक ग्राफिक्स
मत्स्य क्षेत्र और पोषणयुक्त खाद्य पदार्थों पर जोर

2019 में हमने पीएम मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की थी,  इस योजना के तहत उत्पादन, उत्पादकता और पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट को बेहतर बनाने में उल्लेखनीय सफलता मिली है।

पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम अब स्पष्ट रूप से दिख रहे हैं। आज भारत में मछली उत्पादन और निर्यात दोनों दोगुने हो चुके हैं। हमारा लक्ष्य है कि Indian Exclusive Economic Zone और खुले समुद्री क्षेत्रों में सस्टेनेबल मछली पालन को प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए एक ठोस कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि इस क्षेत्र में Ease of Doing Business को बढ़ावा देने वाले नए विचारों पर मंथन करें और उन पर शीघ्रता से अमल करें। साथ ही, हमें अपने पारंपरिक मछुआरों के हितों की रक्षा को भी सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी, ताकि यह सेक्टर और अधिक समृद्ध और समावेशी बन सके।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने की प्रतिबद्धता

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि पीएम आवास योजना-ग्रामीण के तहत करोड़ों गरीबों को घर दिया गया है और ‘स्वामित्व योजना’ से संपत्ति मालिकों को ‘Record of Rights’ मिला है।

बजट को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने पर जोर

प्रधानमंत्री ने वेबिनार में कहा कि अब पूरा ध्यान बजट की योजनाओं को जमीन पर उतारने पर होना चाहिए। उन्होंने सभी स्टेकहोल्डर्स से आग्रह किया कि वे योजना के कार्यान्वयन में आने वाली कठिनाइयों और संभावित सुधारों पर चर्चा करें ताकि बजट के उद्देश्यों को जल्द से जल्द हासिल किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने वेबिनार में उपस्थित सभी हितधारकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार अकेले नहीं बल्कि सभी स्टेकहोल्डर्स के सहयोग से देश के विकास लक्ष्यों को पूरा करेगी।

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