किसानों को मिली 300 से अधिक नई तकनीकें
नई दिल्ली, 24 फरवरी 2025 – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) में आयोजित “पूसा कृषि विज्ञान मेला 2025” शानदार सफलता के साथ संपन्न हुआ। तीन दिवसीय इस मेले में एक लाख से अधिक किसानों ने भाग लिया और 300 से अधिक नवीनतम कृषि तकनीकों का अवलोकन किया। मेले का उद्देश्य कृषि नवाचार, सतत विकास और आधुनिक तकनीकों को किसानों तक पहुंचाना था।
तकनीकी सत्र और प्रमुख चर्चाएं
समापन दिवस पर कई महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए। युवा और महिला उद्यमिता विकास पर केंद्रित एक सत्र की अध्यक्षता डॉ. ए.के. सिंह, पूर्व निदेशक, आईसीएआर-आईएआरआई ने की, जबकि डॉ. अनुपमा सिंह, डीन एवं संयुक्त निदेशक (शिक्षा), आईएआरआई सह-अध्यक्ष रहीं। इस सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. वी.वी. सदामाते, पूर्व सलाहकार, योजना आयोग थे। वर्टिकल फार्मिंग, हाइड्रोपोनिक्स, संरक्षित खेती, पुष्प कृषि-आधारित उद्यम और मशरूम उत्पादन जैसे विषयों पर विशेषज्ञों ने विचार साझा किए।
इसके अलावा, नवाचारशील किसानों की बैठक (इनोवेटिव फार्मर्स’ मीट) का आयोजन किया गया, जिसमें प्रगतिशील किसानों ने अपने अनुभव साझा किए। इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. राजबीर सिंह, डीडीजी (विस्तार), आईसीएआर ने की, जबकि डॉ. जे.पी. शर्मा, पूर्व कुलपति, एसकेयूएएसटी, जम्मू मुख्य अतिथि रहे। इस अवसर पर उत्कृष्ट किसानों और शोधकर्ताओं को सम्मानित किया गया।
समापन समारोह में कृषि के भविष्य पर जोर
मेले के समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (DARE) और महानिदेशक (ICAR) ने जलवायु-स्मार्ट कृषि की आवश्यकता पर जोर दिया और सतत कृषि तकनीकों को अपनाने की अपील की। उन्होंने किसानों को पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक नवाचारों के समावेश से दीर्घकालिक कृषि स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया।
आईसीएआर-आईएआरआई के निदेशक डॉ. सी.एच. श्रीनिवास राव ने जलवायु-प्रतिकारक (क्लाइमेट-रेसिलिएंट) फसलों और उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सके।
कृषि नवाचार को बढ़ावा देने का संकल्प
कार्यक्रम के अंत में डॉ. आर.एन. पडारिया, संयुक्त निदेशक (विस्तार), आईसीएआर-आईएआरआई ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और सभी किसानों, वैज्ञानिकों, उद्योग प्रतिनिधियों और नीति निर्माताओं का आभार व्यक्त किया।
“पूसा कृषि विज्ञान मेला 2025” ने किसानों को ज्ञान, तकनीक और संसाधनों से सशक्त बनाने के अपने संकल्प को दोहराया। यह आयोजन भविष्य में कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने और किसानों को उन्नत तकनीकों से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।