ICAR आंध्र में मिर्च के खेतों का दौरा करने के लिए एक विशेषज्ञ दल भेजेगा

आंध्र प्रदेश के लाल मिर्च किसानों के हितों को लेकर दिल्ली में कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने बैठक की। इससे पहले आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की।दरअसल लाल मिर्च के किसान कीट प्रबंधन को लेकर चिंता में है। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि इस समस्या का हल निकालेंगे।बैठक में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू तथा केंद्रीय कृषि सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी सहित केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी शामिल हुए।
विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि आईसीएआर द्वारा आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च की उपज लागत की समीक्षा की जाए, तत्संबंधी रिपोर्ट केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को उपलब्ध कराई जाए, ताकि 2024-25 सीजन के दौरान एमआईएस के तहत लाल मिर्च के मूल्य कमी भुगतान के कार्यान्वयन के लिए आंध्र प्रदेश सरकार को राज्य उपज का 25% अग्रिम मंजूरी जारी की जा सके। शिवराज सिंह ने एमआईएस के तहत लाल मिर्च की कवरेज सीमा को उत्पादन के 25% से बढ़ाने के संबंध में भी प्रस्ताव तैयार करने को कहा है।
इसके साथ ही, एमआईडीएच के क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग व क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश केंद्रीय कृषि मंत्री ने दिए। वहीं, आंध्र प्रदेश से लाल मिर्च के निर्यात के अवसरों का पता लगाने के लिए वाणिज्य मंत्रालय, एपीडा व अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में निर्यातकों की बैठक शीघ्र ही आयोजित की जाएगी। यह भी तय हुआ कि आईसीएआर, आंध्र प्रदेश में मिर्च के खेतों का दौरा करने के लिए एक विशेषज्ञ दल भेजेगा, जो कीट संक्रमण के कारण फसल को हुए नुकसान का अध्ययन करेगा तथा प्रभावी आईपीएम उपाय सुझाएगा।
साल 2024-25 के सीजन के दौरान लाल मिर्च के उत्पादक किसानों को राहत देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय की बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के कार्यान्वयन के संबंध में आंध्र प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर बैठक में चर्चा की गई। केंद्रीय कृषि सचिव श्री चतुर्वेदी ने विषय के बारे में विस्तार से बताया, जिस पर बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने-अपने मंत्रालयों/विभागों/संगठनों की ओर से विचार व्यक्त किए तथा सुझाव देते हुए उपाय बताएं।
बैठक में मौजूद आंध्र प्रदेश के एक प्रगतिशील किसान ने बताया कि लाल मिर्च की फसल में फूल आने के समय कीट का प्रकोप होने की आशंका रहती है। किसानों को अपनी फसल को कीट से बचाने के लिए किए जाने वाले नियंत्रण के उपायों पर काफी खर्च करना पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च उत्पादन की लागत बढ़ जाती है, जिसके लिए उन्होंने ऐसे कीटों से किसानों को बचाने के लिए उपचारात्मक सुझाव दिया। आंध्र की मंडियों में लाल मिर्च की आवक शुरु हो गई है। कीमतें इस साल कम है। अभी औसतन 13600 क्विंटल के आसपास मंडी में भाव है। पिछले साल औसत भाव 20000 रुपए क्विंटल तक रहा था।