पशुपालन क्षेत्र में क्रांति: राष्ट्रीय गोकुल मिशन
नई दिल्ली: राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत किए गए सुधारों और आधुनिक तकनीकों के उपयोग से भारत में दूध उत्पादन और बोवाइन पशुओं की उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में बताया कि भारत में दूध उत्पादन वर्ष 2014-15 के 146.31 मिलियन टन से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 239.30 मिलियन टन हो गया है। यह पिछले 10 वर्षों में 63.55% की वृद्धि दर्शाता है।
📌 बोवाइन पशुओं की उत्पादकता में बड़ा सुधार
राष्ट्रीय गोकुल मिशन से बोवाइन पशुओं की उत्पादकता में भी तेजी आई है:
✔ सामान्य बोवाइन पशु: 1640 किग्रा/वर्ष से बढ़कर 2072 किग्रा/वर्ष (26.34% वृद्धि)
✔ देशी गायें: 927 किग्रा/वर्ष से बढ़कर 1292 किग्रा/वर्ष (39.37% वृद्धि)
✔ भैंस: 1880 किग्रा/वर्ष से बढ़कर 2161 किग्रा/वर्ष (14.94% वृद्धि)
📌 राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत प्रमुख पहलें

✅ 1. कृत्रिम गर्भाधान (AI) कार्यक्रम
- 8.32 करोड़ पशु इस योजना के तहत कवर
- 12.20 करोड़ कृत्रिम गर्भाधान किए गए
- 5.19 करोड़ किसान लाभान्वित
✅ 2. नस्ल सुधार और संतति परीक्षण
- गिर, साहीवाल, मुर्राह जैसी नस्लों पर विशेष ध्यान
- 3,988 उच्च आनुवंशिक गुणवत्ता वाले सांडों का उत्पादन
✅ 3. इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक
- 22 आईवीएफ लैब्स स्थापित
- देशी नस्लों के आनुवंशिक सुधार में तेजी
✅ 4. सेक्स-सॉर्टेड वीर्य उत्पादन
- 5 सरकारी वीर्य स्टेशनों पर उत्पादन
- अब तक 1.15 करोड़ सेक्स-सॉर्टेड वीर्य खुराकें उपलब्ध
✅ 5. जीनोमिक सुधार (Genomic Selection)
- गौ चिप और महिष चिप विकसित
- पशुओं की आनुवंशिक गुणवत्ता में बड़ा सुधार
✅ 6. ग्रामीण पशुपालकों के लिए मैत्री योजना
- 38,736 कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों (मैत्री) को प्रशिक्षित किया गया
📌 किसानों को बड़ा आर्थिक लाभ
वर्ष 2014-15 से 2024-25 (दिसंबर 2024 तक) तक राष्ट्रीय गोकुल मिशन को 4,442.87 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन भारत के डेयरी उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है। इस योजना से पशुपालकों की आय में वृद्धि, दूध उत्पादन में बढ़ोतरी और देशी नस्लों का संरक्षण सुनिश्चित हो रहा है।