केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी से सहकारिता मंत्रालय ने स्थापित की तीन राष्ट्रीय सहकारी समितियां
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद सहकारिता मंत्रालय ने मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज़ (एमएससीएस) अधिनियम 2002 के तहत तीन नई राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियों की स्थापना की है। ये समितियां सहकारी समितियों के विकास और विस्तार को गति देने के उद्देश्य से बनाई गई हैं। ये तीन सहकारी समितियां निम्नलिखित हैं:
- राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल)
- नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल)
- भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल)
राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल)
एनसीईएल की स्थापना भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको), कृषक भारती सहकारी लिमिटेड (कृभको), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड), गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के सहयोग से की गई है। इसका उद्देश्य सहकारी समितियों द्वारा उत्पादित अधिशेष वस्तुओं और सेवाओं का वैश्विक निर्यात बढ़ाना है।
- वित्तीय वर्ष 2024-25 में एनसीईएल ने 4,121 करोड़ रुपये मूल्य की 36 कृषि वस्तुओं का 10.42 लाख मीट्रिक टन निर्यात किया।
- एनसीईएल ने 26.40 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया और अपनी सदस्य सहकारी समितियों को 20 प्रतिशत लाभांश वितरित किया।
- अब तक 8,863 सहकारी समितियां एनसीईएल की सदस्य बन चुकी हैं।
नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल)
एनसीओएल का गठन राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), जीसीएमएमएफ, नेफेड, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) और एनसीडीसी के सहयोग से किया गया है। यह जैविक उत्पादों के उत्पादन और विपणन के लिए सहकारी समितियों को संस्थागत समर्थन प्रदान करेगा।
- ‘भारत ऑर्गेनिक्स’ ब्रांड के तहत 20 जैविक उत्पाद लॉन्च किए गए।
- उत्तराखंड ऑर्गेनिक कमोडिटी बोर्ड (यूओसीबी) के साथ समझौते के तहत 40 मीट्रिक टन प्रीमियम ऑर्गेनिक बासमती धान की खरीद की गई।
- महाराष्ट्र के विदर्भ से जैविक प्रमाणित तुअर (अरहर) की खरीद शुरू की गई।
- अब तक 5,184 सहकारी समितियां एनसीओएल की सदस्य बन चुकी हैं।
भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल)
बीबीएसएसएल की स्थापना इफको, कृभको, नेफेड, एनडीडीबी और एनसीडीसी के सहयोग से की गई है। इसका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का उत्पादन, खरीद और वितरण करना है, जिससे किसानों की पैदावार में सुधार हो और आयातित बीजों पर निर्भरता कम हो।
- ‘भारत बीज’ ब्रांड के तहत बीजों का वितरण किया जा रहा है।
- रबी 2023-24 सीजन में 11,575.45 क्विंटल आधार बीज और खरीफ 2024 में 3,820 क्विंटल आधार बीज का उत्पादन किया गया।
- बीबीएसएसएल को 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लाइसेंस प्राप्त हो चुका है।
- अब तक 17,425 सहकारी समितियां बीबीएसएसएल की सदस्य बन चुकी हैं।
सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाने के लिए सरकार की नई पहल
सरकार ने 15 फरवरी 2023 को सहकारी आंदोलन को मजबूत करने और देशभर में इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए नई योजना को मंजूरी दी। इस योजना के तहत अगले पांच वर्षों में देश के सभी पंचायतों/गांवों में बहुउद्देशीय पीएसीएस, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी।
- अब तक 3,654 नई बहुउद्देशीय पीएसीएस, 8,256 डेयरी और 990 मत्स्य सहकारी समितियां पंजीकृत हो चुकी हैं।
- सरकार ने कार्यात्मक पीएसीएस के कम्प्यूटरीकरण के लिए 2,516 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है।
- 50,455 पीएसीएस को ईआरपी सॉफ्टवेयर पर ऑनबोर्ड किया गया है।
यह पहल सहकारी समितियों के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेगी।
यह बात सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही