बकरी पालन से आत्मनिर्भरता की ओर: सामग्री वितरण और विवरणिका विमोचन

केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान में सामग्री वितरण और वार्षिक विवरणिका विमोचन

मथुरा, केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें  केन्द्रीय मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल (पशु पालन, मत्स्य एवं डेयरी व पंचायतीराज मंत्रालय, भारत सरकार) ने अनुसूचित जनजाति विकास कार्य योजना के तहत विकसित वार्षिक बकरी पालन विवरणिका-2025 का विमोचन किया। इस अवसर पर अनुसूचित जाति के 100 किसानों को 50 किग्रा पशु आहार बैग और थर्मस बोतल वितरित की गई।

मंत्री ने किसानों और बकरी पालकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, “बकरी पालन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आजीविका का एक महत्वपूर्ण साधन है और देश के आर्थिक विकास में योगदान देता है। संस्थान के वैज्ञानिक इस क्षेत्र को और अधिक लाभकारी बनाने में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं।”

कार्यक्रम की मुख्य बातें
  • मंत्री का संबोधन: प्रो. बघेल ने बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों पर चर्चा की केन्द्रीय मंत्री  ने कहा, “बकरी पालन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आजीविका का एक महत्वपूर्ण साधन है और यह देश की आर्थिक प्रगति में योगदान देता है। केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम, इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है और अनुसंधान के माध्यम से बकरी पालन को अधिक लाभदायक बनाने में निरंतर प्रयासरत है।” उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी मेहनत और समर्पण के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन तकनीकों में सुधार हो रहा है।प्रो. बघेल ने ने किसानों को बकरी पालन से जुड़ी सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए इसे ग्रामीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल बताया।
  • संस्थान निदेशक का योगदान: डॉ. मनीष कुमार चेटली ने संस्थान की विभिन्न परियोजनाओं जैसे वैक्सीन किट, हर्बल उत्पाद, तकनीकी स्थानांतरण, और जीन एडिटिंग पर जानकारी दी।
  • किसानों को प्रोत्साहन: अनुसूचित जाति के किसानों को सामग्री वितरण के माध्यम से सशक्तिकरण और आय वृद्धि के लिए प्रोत्साहित किया गया।
अनुसंधान और विकास पर जोर

संस्थान के निदेशक डॉ. चेटली ने बताया कि संस्थान अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन को लाभकारी बनाने का निरंतर प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक हैं, बल्कि महिला किसानों और अनुसूचित जनजातियों को भी सशक्त बना रही हैं।

उपस्थित अतिथि और प्रतिभागी

कार्यक्रम में प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. अरविंद कुमार, नोडल अधिकारी डॉ. गोपाल दास, और डॉ. अनुपम कृष्ण दीक्षित सहित संस्थान के वैज्ञानिक, प्रशासनिक और तकनीकी कर्मचारी उपस्थित थे।

बकरी पालन: ग्रामीण आजीविका का आधार

यह कार्यक्रम न केवल बकरी पालन के प्रति जागरूकता बढ़ाने का माध्यम बना, बल्कि किसानों को इसके आर्थिक लाभ से परिचित कराने में भी सफल रहा।  मंत्री के मार्गदर्शन और संस्थान की पहल ने किसानों को इस दिशा में अधिक प्रेरित किया।

यह आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन को प्रोत्साहित करने और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।

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