किसानों के लिए खुशखबरी! कृषि जल प्रबंधन योजना को मंजूरी

आधुनिक सिंचाई तकनीक से किसानों की आय बढ़ेगी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2025-26 की अवधि के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत कमान क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन (एम-सीएडीडब्ल्यूएम) के आधुनिकीकरण को मंजूरी दे दी है। इस योजना के लिए कुल 1600 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। यह योजना जल संसाधनों के प्रभावी उपयोग और सिंचाई प्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

योजना का उद्देश्य और प्रमुख प्रावधान

इस योजना का मुख्य उद्देश्य मौजूदा नहरों या अन्य जल स्रोतों से सिंचाई जल आपूर्ति नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना है, जिससे किसानों को बेहतर और निर्बाध जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। इसके तहत दबावयुक्त भूमिगत पाइप सिंचाई प्रणाली का विकास किया जाएगा, जिससे जल स्रोतों से खेत तक जल की आपूर्ति आसान होगी।

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इसके अलावा, जल की मात्रात्मक निगरानी और जल प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इसमें एससीएडीए (SCADA) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी नवीनतम तकनीकों को शामिल किया जाएगा। इन तकनीकों के उपयोग से जल उपयोग दक्षता में वृद्धि होगी, जिससे कृषि उत्पादन और उत्पादकता में भी सुधार होगा।

किसानों को होगा सीधा लाभ

इस योजना से देशभर के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। जल उपयोग की बेहतर रणनीति अपनाने से खेती की लागत में कमी आएगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी। इस योजना के तहत एक हेक्टेयर तक के क्षेत्रों में सिंचाई के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को सशक्त बनाया जाएगा, जिससे जल की बर्बादी को रोका जा सके।

इसके अलावा, सिंचाई परिसंपत्तियों के प्रबंधन के लिए जल उपयोगकर्ता समितियों (WUAs) को सशक्त किया जाएगा। इन समितियों को पांच वर्षों तक एफपीओ (FPO) या पीएसीएस (PACS) जैसी मौजूदा आर्थिक संस्थाओं से जोड़ा जाएगा। इससे जल प्रबंधन में स्थायित्व आएगा और किसानों को सिंचाई सेवाओं का लाभ आसानी से प्राप्त होगा।

युवाओं के लिए नए अवसर

इस योजना के तहत सिंचाई प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों का समावेश किया जाएगा, जिससे युवाओं में उन्नत कृषि पद्धतियों को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। इससे न केवल कृषि क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी बढ़ेगी बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि होगी।

पायलट परियोजनाएं और भविष्य की योजना

सरकार ने इस योजना के तहत विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों में पायलट परियोजनाओं को शुरू करने का निर्णय लिया है। प्रारंभिक स्वीकृति के आधार पर, राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वे चुनौतीपूर्ण वित्तपोषण मॉडल के तहत इन परियोजनाओं को सफलतापूर्वक लागू कर सकें।

इन पायलट परियोजनाओं के निष्कर्षों और अनुभवों के आधार पर, 16वें वित्त आयोग की अवधि (अप्रैल 2026 से) के लिए कमान क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन की एक राष्ट्रीय योजना शुरू करने की योजना बनाई गई है। इससे देशभर में कृषि जल प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।

सरकार की प्रतिबद्धता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार लगातार किसानों की भलाई के लिए नई योजनाओं को लागू कर रही है। पीएमकेएसवाई के तहत एम-सीएडीडब्ल्यूएम का आधुनिकीकरण कृषि क्षेत्र को सशक्त करने और जल संसाधनों के कुशल उपयोग को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे न केवल किसानों को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा भी मजबूत होगी।

यह योजना भारत के कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक साबित होगी और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

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