कृषि संरक्षण में 37 साल: आईसीएआर-एनआरआईआईपीएम का योगदान
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन अनुसंधान संस्थान (ICAR-NRIIPM) 12 फरवरी 2025 को अपना 37वां स्थापना दिवस मना रहा है, जो पौध संरक्षण और समेकित नाशीजीव प्रबंधन में इसकी लगभग चार दशकों की उत्कृष्टता को दर्शाता है। यह आयोजन संस्थान की गौरवशाली विरासत और भविष्य की दिशा को रेखांकित करने वाला एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।
इस अवसर पर आईसीएआर के वरिष्ठ अधिकारी और प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक उपस्थित रहेंगे। पूर्व सचिव (डीएआरई) और पूर्व महानिदेशक (आईसीएआर), कृषि भवन, नई दिल्ली, डॉ. आर. एस. परोदा इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। साथ ही, डॉ. पी. के. चक्रवर्ती (पूर्व सदस्य, एएसआरबी और पूर्व एडीजी, पीपी एंड बीएस, आईसीएआर), डॉ. एस. एन. पुरी (पूर्व कुलपति, सीएयू, इम्फाल और पूर्व निदेशक, आईसीएआर-एनआरआईआईपीएम), तथा डॉ. पूनम जसरोटिया (एडीजी, पीपी एंड बीएस, आईसीएआर) भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा, पूर्व निदेशक, आईसीएआर-एनआरआईआईपीएम, डॉ. बी. एल. जलाली इस मौके पर स्थापना दिवस व्याख्यान देंगे।
इस आयोजन में दिल्ली-एनसीआर और देश के विभिन्न हिस्सों से कृषि विज्ञान केंद्रों के किसान और अधिकारी भाग लेंगे। वर्ष 1988 में अपनी स्थापना के बाद से, आईसीएआर-एनआरआईआईपीएम फसल संरक्षण और समेकित नाशीजीव प्रबंधन के क्षेत्र में नवाचार और शोध में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।