भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) की समीक्षा बैठक
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में BBSSL के विकास और विस्तार से संबंधित कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘सहकार से समृद्धि’ और किसानों को समृद्ध बनाने के विज़न को साकार करने की दिशा में भारतीय सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने बैठक में BBSSL द्वारा वर्ष 2025-26 में और 20,000 समितियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा। शाह ने कहा कि BBSSL को बीज उत्पादन के लिए पानी और कीटनाशक के इस्तेमाल को कम करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि छोटे किसानों की उपज उच्चतम हो और उनकी फसल की परिपक्वता की अवधि अधिक हो इस दिशा में काम करे।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि BBSSL भारत के परंपरागत ‘मीठे’ बीजों के संग्रहण और संरक्षण की दिशा में तेजी से काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इफ्को और कृभको को हमारे मूल और हाइब्रिड बीजों का पोषक तत्वों की दृष्टि से मूल्यांकन करना चाहिए।
शाह ने कहा कि पारंपरिक ‘मीठे’ या लुप्तप्राय बीजों के संवर्धन व संरक्षण के साथ-साथ पोषक तत्वों को कम किए बिना दलहन और तिलहन के बीजों का उत्पादन बढ़ाना BBSSL की प्राथमिकता रहनी चाहिए।

मुख्य घोषणाएं और निर्देश:
BBSSL का विस्तार:वर्ष 2025-26 तक 20,000 नई सहकारी समितियों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
टिकाऊ बीज उत्पादन: पानी और कीटनाशकों के कम उपयोग पर जोर देकर पर्यावरण-अनुकूल बीज उत्पादन को प्राथमिकता देने का निर्देश। छोटे किसानों की उपज को अधिकतम करने और फसल की परिपक्वता अवधि को बढ़ाने के लिए काम करने का सुझाव।
पारंपरिक बीजों का संरक्षण: परंपरागत ‘मीठे’ और विलुप्तप्राय बीजों का संरक्षण और संवर्धन। पोषण से भरपूर दलहन और तिलहन के बीजों का उत्पादन बढ़ाने को प्राथमिकता।
वैज्ञानिक सहयोग और शोध:सरकारी विश्वविद्यालयों और प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिकों की विशेषज्ञता का उपयोग बीज उत्पादन और संवर्धन में किया जाए। इफ्को और कृभको की प्रयोगशालाओं को आदर्श बनाने की दिशा में प्रयास।
दीर्घकालिक योजना: बीज उत्पादन के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए 10-वर्षीय रोडमैप तैयार करने और उसकी नियमित समीक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश।
उपलब्धियां और लक्ष्य: रबी 2024 के दौरान 6 राज्यों में 5,596 हेक्टेयर क्षेत्र में 8 फसलों की 49 किस्मों का बीज उत्पादन किया जा रहा है। वर्ष 2032-33 तक 18,000 करोड़ रुपये के कुल टर्नओवर का लक्ष्य। अब तक 41,773 क्विंटल बीजों का वितरण, जिनकी बाजार कीमत लगभग ₹41.50 करोड़ है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विज़न को साकार करते हुए किसानों की समृद्धि और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना। BBSSL की इन पहलों का उद्देश्य किसानों की उत्पादन क्षमता बढ़ाना और देश के कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करना है।
यह बैठक भारतीय सहकारी समितियों और किसानों के लिए नई दिशा और ऊर्जा प्रदान करती है, जिससे भारत के कृषि क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन लाने की उम्मीद है।