बर्ड फ्लू रोकथाम के लिए सरकार और पोल्ट्री उद्योग साथ
नई दिल्ली: देश में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार और पोल्ट्री उद्योग ने मिलकर इससे निपटने की कमर कस ली है। पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने आज दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय ने की। इस बैठक में वैज्ञानिक, नीति निर्माता और पोल्ट्री क्षेत्र के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
बर्ड फ्लू से निपटने की तीन-स्तरीय रणनीति
सरकार ने पोल्ट्री फार्मों में बर्ड फ्लू रोकने के लिए तीन महत्वपूर्ण कदमों की रणनीति तय की है:
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जैव सुरक्षा उपाय: पोल्ट्री फार्मों में सफाई व्यवस्था कड़ी की जाएगी। फार्म में आने-जाने वालों की निगरानी होगी और वायरस फैलने से रोकने के लिए जरूरी नियम लागू होंगे।
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मजबूत निगरानी: देशभर में बर्ड फ्लू के मामलों पर नजर रखी जाएगी ताकि समय रहते वायरस का पता चल सके।
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पोल्ट्री फार्म का अनिवार्य पंजीकरण: सभी पोल्ट्री फार्मों को एक महीने के भीतर राज्य पशुपालन विभाग में पंजीकरण कराना होगा।
सरकार ने पोल्ट्री उद्योग से इस फैसले का पूरी तरह पालन करने की अपील की है।
सचिव का बयान
सचिव श्रीमती उपाध्याय ने कहा, “पोल्ट्री क्षेत्र को सुरक्षित रखना देश की खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण क्षेत्रों की आमदनी के लिए बहुत जरूरी है। हमें सतर्कता, वैज्ञानिक निगरानी और जिम्मेदार व्यवहार की जरूरत है।”
उन्होंने यह भी बताया कि एक पूर्वानुमान आधारित चेतावनी प्रणाली विकसित की जा रही है जिससे समय रहते बीमारी का पता लगाया जा सकेगा। इसके अलावा, एच9एन2 वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है और इसका उपयोग अब व्यावसायिक स्तर पर किया जाएगा।
वैक्सीन पर चर्चा
बैठक में वैज्ञानिकों और उद्योग प्रतिनिधियों के साथ इस बात पर भी विचार हुआ कि एचपीएआई (अत्यधिक खतरनाक बर्ड फ्लू) के लिए टीकाकरण को शुरू किया जाए या नहीं। विशेषज्ञों ने बताया कि मौजूदा टीके पूरी तरह से वायरस को नहीं रोकते, लेकिन इसके असर को कम कर सकते हैं। इसलिए वैक्सीन के उपयोग पर फैसला लेने से पहले और गहराई से अध्ययन किया जाएगा।
भारत में बर्ड फ्लू की स्थिति
1 जनवरी से 4 अप्रैल 2025 तक देश के 8 राज्यों में बर्ड फ्लू के 34 केंद्रों की पहचान हुई है।
वर्तमान में 3 राज्यों (झारखंड, तेलंगाना, छत्तीसगढ़) में 6 स्थानों पर बर्ड फ्लू सक्रिय है।
प्रभावित राज्य:
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महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और बिहार है
सरकार के कदम
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बर्ड फ्लू पाए जाने पर संक्रमित पक्षियों को मारने और इलाके को साफ करने की सख्त नीति लागू।
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प्रवासी पक्षियों के मौसम में निगरानी और तेज।
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वायरस के सैंपल और आंकड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा किए गए।
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केंद्र सरकार राज्य सरकारों को हर संभव सहयोग दे रही है और प्रभावित किसानों को मुआवजा भी दिया जा रहा है।
सारांश…
सरकार और पोल्ट्री उद्योग की यह साझेदारी बर्ड फ्लू को फैलने से रोकने में अहम साबित हो सकती है। अब देखना होगा कि यह रणनीति जमीन पर कितनी कारगर साबित होती है।