एससीएसपी किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन सीपीयू, हमीरपुर में
आईसीएआर-आईएआरआई, नई दिल्ली की एससीएसपी योजना के तहत, हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में सीपीयू के सहयोग से “एससी किसानों के सशक्तिकरण और स्थायी विकास के लिए आजीविका और उद्यमिता के विकल्पों को बढ़ावा देना” विषय पर एक दिवसीय किसानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम अनुसूचित जाति समुदाय के किसानों को सशक्त बनाने और उनकी आजीविका में सुधार के लिए एक प्रभावी प्रयास साबित हुआ। आयोजन के दौरान विशेषज्ञ व्याख्यान, तकनीकी सत्र, और कृषि उपकरण वितरण जैसी गतिविधियों ने किसानों को उन्नत तकनीकों और कृषि पद्धतियों को समझने और अपनाने का अवसर प्रदान किया।
कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र डॉ. पी. एल. गौतम, कुलाधिपति, डॉ. राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय, पूसा (बिहार) और प्रो-कुलाधिपति, सीपीयू, हमीरपुर की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. टी. आर. शर्मा, उप महानिदेशक (फसल विज्ञान), आईसीएआर, नई दिल्ली उपस्थित रहे। डॉ. आर. एन. पडारिया, संयुक्त निदेशक (प्रसार), आईएआरआई और डॉ. संजीव शर्मा, कुलपति, सीपीयू, हमीरपुर विशेष अतिथि रहे।
डॉ. संजीव शर्मा ने गणमान्य व्यक्तियों और उपस्थित किसानों का स्वागत करते हुए समाज सेवा योजनाओं के माध्यम से वंचित कृषक समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने की आवश्यकता पर जोर दिया।
डॉ. पी. एल. गौतम ने किसानों को उन्नत फसल किस्मों और स्थायी कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। डॉ. टी. आर. शर्मा ने फसल विविधीकरण, एकीकृत कृषि प्रणाली, जलवायु अनुकूल तकनीकों और जल संसाधनों के समुचित उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने किसानों के खेतों में आईएआरआई की उन्नत फसल तकनीकों के प्रदर्शन की भी जानकारी दी।
डॉ. एस. के. लाल, नोडल अधिकारी, एससीएसपी ने योजना की प्रक्रियाओं और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र का समापन श्री गुलशन संधू, रजिस्ट्रार, सीपीयू, हमीरपुर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इसके पश्चात पंजीकृत अनुसूचित जाति किसानों को कृषि उपकरण जैसे दरांती, फावड़ा, पानी का कैन, टॉर्च, बाल्टी और स्प्रेयर वितरित किए गए।
तकनीकी सत्र और विशेषज्ञ व्याख्यान
उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता डॉ. आर. एन. पडारिया ने की और संचालन डॉ. नफीस अहमद, प्रमुख वैज्ञानिक, कैटैट, आईएआरआई, नई दिल्ली ने किया। इस सत्र में विभिन्न वैज्ञानिकों ने अपने-अपने विषय क्षेत्रों में व्याख्यान दिए।
प्रमुख वक्ताओं में डॉ. डी. पी. वालिया, प्रमुख, आईएआरआई आरएस, शिमला; डॉ. कलोल प्रामाणिक, प्रमुख वैज्ञानिक, आईएआरआई आरएस, शिमला; डॉ. चंदर प्रकाश, प्रमुख, आईएआरआई आरएस कटरैन; डॉ. बृजेश मिश्रा, प्रमुख वैज्ञानिक, माइक्रोबायोलॉजी डिवीजन, आईएआरआई, नई दिल्ली; डॉ. मोहर सिंह, अधिकारी प्रभारी, एनबीपीजीआर आरएस, शिमला; डॉ. सुरिंदर पाल, वैज्ञानिक, आईजीएफआरआई, पालमपुर; डॉ. डी. सी. जोशी, वरिष्ठ वैज्ञानिक, वीपीकेएएस, अल्मोड़ा; और डॉ. जे. स्टेनली, वरिष्ठ वैज्ञानिक, आईआईएमआर, हैदराबाद शामिल थे।
डॉ. आर. एन. पडारिया ने समापन टिप्पणी में किसानों को कृषि क्षेत्र की चुनौतियों और विशेष रूप से हिमालयी क्षेत्र में इनसे निपटने की रणनीतियों के बारे में जानकारी दी। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. गुलशन कुमार शर्मा, निदेशक, सामुदायिक सेवा निदेशालय, सीपीयू, हमीरपुर ने दिया।
कृषि प्रदर्शनी और सहभागिता
इस अवसर पर एक कृषि प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें आईसीएआर संस्थानों और स्थानीय किसान समूहों द्वारा नवीन कृषि तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में हमीरपुर के आस-पास के गांवों से अनुसूचित जाति समुदाय के 500 से अधिक किसान और महिला किसानों ने भाग लिया।