खेती में क्रांति का संकल्प लेकर पहुंचे कृषि मंत्री
जम्मू– केंद्र सरकार द्वारा संचालित ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान जम्मू पहुंचे। इस अभियान का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नवाचार, वैज्ञानिक सहभागिता और किसानों की आय वृद्धि के लिए जागरूकता फैलाना है।
चौहान ने जम्मू के आर.एस. पुरा सेक्टर में पदयात्रा में भाग लिया और किसानों, वैज्ञानिकों एवं ग्रामीण समुदाय के साथ सीधा संवाद किया। उनके साथ केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे। दोनों नेताओं ने तिरंगा यात्रा में भाग लेकर ग्रामीणों का उत्साहवर्धन किया और राष्ट्रभक्ति का संदेश दिया।
सीमा से सटे गांव चक्रोही में किसानों से संवाद
केंद्रीय मंत्री ने भारत-पाक सीमा से महज एक किलोमीटर दूर स्थित गांव चक्रोही का दौरा किया। उन्होंने वहां के खेतों और नर्सरी फार्म का निरीक्षण किया और किसानों से खेती-किसानी के अनुभव साझा करने को कहा। श्री चौहान ने किसानों को वैज्ञानिकों से खुलकर सवाल पूछने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा, “जब लैब से निकलकर वैज्ञानिक खेतों तक पहुंचेंगे और किसान उनसे सीधा संवाद करेंगे, तभी कृषि क्षेत्र में सही मायनों में क्रांति आएगी। लागत कम होगी, उत्पादन और मुनाफा बढ़ेगा।”
महिला किसानों, उद्यमियों और ड्रोन तकनीशियनों से बातचीत
शिवराज सिंह चौहान ने महिला किसानों और ग्रामीण महिला उद्यमियों से भी संवाद किया। उन्होंने कृषि में महिलाओं की भागीदारी की सराहना करते हुए उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण और स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही, उन्होंने ड्रोन ऑपरेटरों से भी सीधे बातचीत की और आधुनिक कृषि तकनीकों की संभावनाओं पर चर्चा की।
किसानों से आग्रह: वैज्ञानिकों से जुड़ें, नवाचार अपनाएं
चौहान ने किसानों से वैज्ञानिकों के साथ संवाद करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जब अनुसंधान किसानों की ज़मीनी जरूरतों के आधार पर होगा, तभी वह उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने कृषि उत्पादन को बढ़ाने, लागत को घटाने और गुणवत्ता सुधार की दिशा में सरकार की योजनाओं की जानकारी भी दी।
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजनरी नेतृत्व में कृषि क्षेत्र का उत्पादन और किसानों की आय दोनों में वृद्धि सुनिश्चित होगी,” उन्होंने विश्वासपूर्वक कहा।
जम्मू-कश्मीर की कृषि क्षमता को बताया ‘सोना उगलने वाली भूमि’
केंद्रीय मंत्री ने जम्मू-कश्मीर की कृषि भूमि की सराहना करते हुए कहा कि यहां की मिट्टी उपजाऊ है और सेब जैसी फसलें वैश्विक स्तर पर पहचान बना चुकी हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों से किसानों को विविध फसलों, गुणवत्ता सुधार और उत्पादन बढ़ाने के उपायों पर प्रशिक्षित करने का आग्रह किया।
“वैज्ञानिक और किसान जब साथ बैठेंगे, तभी खेती का भविष्य सुरक्षित होगा,” उन्होंने जोड़ा।
कार्यक्रम में कई प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के कृषि मंत्री जावेद अहमद डार, जम्मू के सांसद जुगलकिशोर शर्मा, क्षेत्रीय विधायकगण, केंद्रीय बागवानी आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार, आईसीएआर के उपमहानिदेशक डॉ. राजबीर सिंह, और शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति सहित अनेक वरिष्ठ वैज्ञानिक और अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में जम्मू और आसपास के गांवों से भारी संख्या में किसान और ग्रामीण भी पहुंचे, जिनमें विशेष रूप से युवा किसानों और महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही।