कृषि मंत्रालय के आंकड़े कर रहे हैं किसानों को उत्साहित

अच्छी बारिश ने दी खेती को रफ्तार, खरीफ फसलों की बुवाई में 4.1% की बढ़ोतरी

जुलाई में सामान्य से अधिक हुई मानसूनी वर्षा ने देशभर के किसानों को बड़ी राहत दी है। अच्छी वर्षा से मिट्टी में नमी का स्तर बढ़ने से खरीफ फसलों की बुवाई में उल्लेखनीय तेजी आई है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अब तक 70.83 मिलियन हेक्टेयर (करीब 17.5 करोड़ एकड़) में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.1 प्रतिशत अधिक है।

मानसून बना खेती की जान

भारत की कृषि व्यवस्था मानसून पर अत्यधिक निर्भर है। देश के लगभग 50% कृषि क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा नहीं है और यह क्षेत्र जून से सितंबर तक चलने वाले दक्षिण-पश्चिम मानसून पर निर्भर रहता है। 1 जून से शुरू हुए मानसून सत्र में देशभर में अब तक औसतन 6 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है, जिससे किसानों को बुवाई के लिए अनुकूल परिस्थितियां मिलीं।

धान की बुवाई में सबसे अधिक बढ़ोतरी

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, किसानों ने अब तक 1.76 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुवाई की है, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 12.4 प्रतिशत अधिक है। धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में की गई बढ़ोतरी ने भी किसानों को इसकी बुवाई के लिए प्रोत्साहित किया है।

अन्य फसलों की स्थिति इस प्रकार रही

  • सोयाबीन: इस वर्ष अब तक 1.117 करोड़ हेक्टेयर में बुवाई हुई है, जो पिछले वर्ष की 1.19 करोड़ हेक्टेयर से थोड़ा कम है। हालांकि, हाल के दिनों में इसकी बुवाई में तेजी देखी गई है।

  • मक्का: बुवाई क्षेत्र 71 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष के 61.7 लाख हेक्टेयर से कहीं अधिक है।

  • कपास: बुवाई में 3.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और अब तक 98.6 लाख हेक्टेयर में कपास की फसल बोई गई है, हालांकि हाल के दिनों में इसमें भी सुधार देखा गया है।

  • दलहन: दालों की बुवाई में भी 2.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह अब 82 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है।

कृषि मंत्रालय के अनुसार, विभिन्न राज्यों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर बुवाई की जानकारी निरंतर अपडेट की जा रही है।

खरीफ फसलों की बुवाई में यह सकारात्मक बदलाव ना केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगा, बल्कि खाद्यान्न भंडार को भी सशक्त करेगा।

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