शिवराज सिंह चौहान ने किया छठे अंतर्राष्ट्रीय सस्य विज्ञान कांग्रेस (IAC–2025) का शुभारंभ
नई दिल्ली स्थित एनपीएल ऑडिटोरियम, पूसा परिसर में सोमवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छठे अंतर्राष्ट्रीय सस्य विज्ञान कांग्रेस (IAC–2025) का औपचारिक शुभारंभ किया। तीन दिवसीय यह वैश्विक वैज्ञानिक सम्मेलन (24–26 नवम्बर 2025) भारतीय सस्य विज्ञान सोसाइटी (ISA) द्वारा ICAR, IARI, NAAS एवं TAAS के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
विश्वभर से 1,000 से अधिक प्रतिभागियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में देश–विदेश के 1,000 से अधिक वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, नीति–निर्माताओं, विद्यार्थियों, उद्योग विशेषज्ञों एवं विकास साझेदारों ने भाग लिया। FAO, CIMMYT, ICRISAT, IRRI, ICARDA और IFDC सहित कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के शीर्ष वैज्ञानिक भी उपस्थित रहे।
कृषि मंत्री बोले— भविष्य की कृषि होगी स्मार्ट, टिकाऊ और विज्ञान–आधारित
मुख्य अतिथि शिवराज सिंह चौहान ने संबोधन में कहा कि “विकसित भारत @2047 की नींव स्मार्ट, सतत और लाभकारी कृषि पर टिकी है।” उन्होंने जोर दिया कि कम संसाधनों में अधिक उत्पादन, जलवायु–सहिष्णु खेती और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा कि “सस्य विज्ञान, वैज्ञानिक शोध और किसान के खेत के बीच महत्वपूर्ण सेतु है।”
मंत्री ने मृदा स्वास्थ्य, जल दक्षता, जैव–विविधता, इको–न्यूट्रिशन, डिजिटल कृषि तथा स्मार्ट प्रबंधन को कृषि के भविष्य के प्रमुख स्तंभ बताते हुए आश्वस्त किया कि कांग्रेस की अनुशंसाओं को नीति निर्माण में स्थान दिया जाएगा।
मंत्री शिवराज सिंह ने कृषि वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे ऐसा अनुसंधान करें जिसका सीधा लाभ किसानों तक पहुँचे। उन्होंने प्राकृतिक खेती, मिट्टी में घटते सूक्ष्म पोषक तत्व, जलवायु परिवर्तन, मिलावटी इनपुट, दलहन–तिलहन उत्पादन, ड्रोन–AI आधारित स्मार्ट खेती और पोस्ट–हार्वेस्ट प्रबंधन जैसे मुद्दों पर गंभीर चर्चा की आवश्यकता बताई।
उन्होंने कहा कि छोटी जोत वाले किसानों की आय बढ़ाने, कार्बन क्रेडिट के लाभ, कम पानी में खेती और इंटीग्रेटेड फार्मिंग पर वैज्ञानिक और सरकार को मिलकर कार्य करना होगा। शिवराज सिंह ने शोध को व्यवहारिक बनाने और किसान–हित में ठोस समाधान देने की बात कही।
मंत्री ने विभागीय व्यय पर अंकुश की पहल करते हुए साफ निर्देश दिए कि सरकारी आयोजनों में कोई शाल, श्रीफल या उपहार न दिया जाए।
कांग्रेस में जलवायु–सहिष्णु कृषि, प्रकृति आधारित समाधान, डिजिटल–AI कृषि, संसाधन दक्षता, पोस्ट–हार्वेस्ट, पोषण-संवेदनशील कृषि एवं आजीविका विविधीकरण जैसे विषयों पर 10 थीमैटिक सिम्पोज़िया आयोजित हो रहे हैं।
कृषि मंत्री ने जारी किया “IAC–2025 डिक्लेरेशन”
उद्घाटन सत्र में चौहान ने IAC–2025 डिक्लेरेशन प्रस्तुत किया, जिसमें प्रमुख सुझाव शामिल हैं—

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मृदा–कार्बन संचयन आधारित कृषि को बढ़ावा
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एग्री–स्टैक और AI आधारित डिजिटल कृषि समाधानों का विस्तार
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प्राकृतिक एवं पुनर्योजी कृषि को मुख्यधारा में शामिल करना
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महिला एवं युवा किसानों के लिए नवाचार कार्यक्रम
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स्कूल–कॉलेजों में नेक्स्ट–जेन सस्य विज्ञान शिक्षा
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वन–हेल्थ, LiFE मिशन एवं Net–Zero 2070 के अनुरूप रणनीतियाँ
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जलवायु–स्मार्ट भारतीय मॉडल का वैश्विक प्रसार
सस्य विज्ञान किसान की समस्याओं का वास्तविक समाधान बने: कृषि राज्य मंत्री
कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि सस्य विज्ञान का अंतिम लक्ष्य किसान की आय, पर्यावरण संरक्षण और पोषण गुणवत्ता में सुधार होना चाहिए।
उन्होंने कहा— “हर नवाचार तभी सार्थक है जब वह किसान के खेत में लागू हो।”
चौधरी ने वर्षा आधारित कृषि, संसाधन प्रबंधन, महिला किसानों की भूमिका, युवा उद्यमिता और ग्रामीण सूक्ष्म उद्योगों के सुदृढ़ीकरण पर बल दिया।
कांग्रेस के सत्रों में जलवायु–सहिष्णुता से लेकर डिजिटल कृषि तक विस्तृत चर्चा
IAC–2025 के दौरान आयोजित 10 प्रमुख थीमैटिक सिम्पोज़िया में निम्न विषयों पर वैज्ञानिक चर्चा की जा रही है—
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जलवायु–सहिष्णु एवं कार्बन–न्यूट्रल कृषि
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प्रकृति–आधारित समाधान और वन–हेल्थ
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सटीक इनपुट प्रबंधन एवं संसाधन दक्षता
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आनुवंशिक क्षमता संवर्धन
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ऊर्जा–कुशल मशीनरी, डिजिटल समाधान एवं पोस्ट–हार्वेस्ट प्रबंधन
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पोषण–संवेदनशील कृषि व इको–न्यूट्रिशन
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लैंगिक सशक्तिकरण एवं आजीविका विविधीकरण
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कृषि 5.0, नेक्स्ट–जेन शिक्षा और विकसित भारत 2047
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युवा वैज्ञानिक एवं छात्र सत्र
इन चर्चाओं से SDG–1, SDG–2, SDG–12, SDG–13 और SDG–15 की दिशा में सस्य विज्ञान की भूमिका को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
ICAR नेतृत्व ने किया भारतीय अनुसंधान की वैश्विक भूमिका का उल्लेख
DARE सचिव एवं ICAR महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट ने कहा कि “भारतीय सस्य विज्ञान अनुसंधान वैश्विक जलवायु–स्मार्ट कृषि में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।”
ISA अध्यक्ष डॉ. शांति कुमार शर्मा ने कहा कि यह कांग्रेस विज्ञान, नीति और किसान के बीच जुड़ाव को और मजबूत बनाएगी और वैश्विक स्तर पर सस्य विज्ञान के लिए नए आयाम स्थापित करेगी।
भारत के ग्लोबल नेतृत्व का मंच
कांग्रेस आयोजकों का मानना है कि IAC–2025 से उभरने वाली सहयोगात्मक योजनाएँ G20, FAO, CGIAR और दक्षिण–दक्षिण सहयोग को और मजबूती प्रदान करेंगी।
कार्यक्रम ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि—
“विकसित भारत 2047 का मार्ग स्मार्ट, टिकाऊ और विज्ञान–आधारित कृषि से होकर गुजरता है।”