एफपीओ को मिलेगा सीधा बाजार, घटेगी बिचौलियों की भूमिका

एफपीओ को उद्योगों से जोड़ने की पहल से किसानों को मिलेगा लाभ

केंद्र सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि उपज के सीधे विपणन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एफपीओ (किसान उत्पादक संगठनों) को उद्योगों से जोड़ने की दिशा में कई प्रभावी पहल की हैं। इन पहलों का उद्देश्य किसानों की बिचौलियों पर निर्भरता कम करना और उन्हें उचित दाम दिलाना है।

सरकार की प्रमुख योजनाओं में 10,000 एफपीओ के गठन और संवर्धन की केंद्रीय क्षेत्र योजना प्रमुख है। इसके अंतर्गत किसानों को संगठित कर प्रत्यक्ष विपणन और मूल्य निर्धारण की बेहतर शक्ति दी जा रही है। एफपीओ खरीदारों से सीधे बातचीत कर सकते हैं और बाजार में प्रतिस्पर्धी दरों पर उत्पाद बेच सकते हैं।

ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) और ओएनडीसी जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर एफपीओ को जोड़कर पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक ऑनलाइन व्यापार को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन प्लेटफॉर्म्स पर एफपीओ अपने उत्पाद सूचीबद्ध कर सकते हैं और देशभर के व्यापारियों से सीधे जुड़ सकते हैं।

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क्लस्टर आधारित व्यावसायिक संगठन (CBBO) की सहायता से एफपीओ को उद्योगों, प्रोसेसिंग कंपनियों और खरीदारों से जोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित खरीदार-विक्रेता बैठकें (BSM) उद्योगों और एफपीओ के बीच व्यापारिक रिश्ते बनाने में सहायक हो रही हैं।

एफपीओ को बीज, उर्वरक, कीटनाशक जैसे इनपुट लाइसेंस भी दिए जा रहे हैं, जिससे वे न केवल उत्पादन कर सकें बल्कि कृषि-इनपुट कंपनियों से सीधे व्यापारिक संबंध भी स्थापित कर सकें।

📊 30 जून, 2025 तक की उपलब्धियां 

9000 से अधिक एफपीओ ONDC प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत

216 एफपीओ सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) से जुड़े

171 उद्योगों ने 430 एफपीओ से क्रय-विक्रय संबंध बनाए

एफपीओ ने बैकवर्ड लिंकेज के रूप में बेयर क्रॉप साइंस, सिंजेन्टा, गोदरेज एग्रोवेट जैसे इनपुट आपूर्तिकर्ताओं से समझौते किए हैं। वहीं फॉरवर्ड लिंकेज के लिए आईटीसी, रिलायंस, बिग बास्केट, मदर डेयरी, पतंजलि जैसी बड़ी कंपनियों से करार किए हैं।

यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी।

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