यूपीएग्रीज के दो बड़े प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी

किसान और निर्यातक दोनों को मिलेगा फायदा, यूपी बनेगा एक्सपोर्ट पावर

उत्तर प्रदेश में ‘एक्वाकल्चर परियोजना’ और ‘एग्री एक्सपोर्ट हब’ को मिली मंजूरी, 4000 करोड़ रुपये के निवेश से किसानों और निर्यात को मिलेगा नया आयाम

लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और कृषि निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल इंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग परियोजना (UPAgriGEES) के तहत एक्वाकल्चर परियोजना और जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास एग्री एक्सपोर्ट हब की स्थापना को नीतिगत प्रोत्साहन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।

इस परियोजना का उद्देश्य राज्य के किसानों और मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि करना, वैश्विक बाजार में प्रदेश के कृषि उत्पादों को पहचान दिलाना और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित करना है।

पूर्वांचल और बुंदेलखंड में लागू होगी एक्वाकल्चर परियोजना

उत्तर प्रदेश सरकार और विश्व बैंक के सहयोग से शुरू की गई यूपीएग्रीज परियोजना को पूर्वांचल के 21 और बुंदेलखंड के 7 जिलों सहित कुल 28 जिलों में लागू किया जाएगा। यह परियोजना वर्ष 2024-25 से 2029-30 तक 6 वर्षों तक संचालित होगी। परियोजना में विश्व बैंक और राज्य सरकार का 70:30 का वित्तीय भागीदारी अनुपात रहेगा।

परियोजना के तहत संयुक्त अरब अमीरात की मल्टीनेशनल कंपनी ‘एक्वाब्रिज’ द्वारा राज्य में अत्याधुनिक एक्वाकल्चर (मत्स्य पालन) परियोजना स्थापित की जाएगी। इसके लिए कंपनी को राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की वित्तीय एवं संरचनात्मक सहायता दी जाएगी।

प्रमुख प्रोत्साहन
  • औद्योगिक क्षेत्र में 60 एकड़ भूमि का आवंटन

  • 75% फ्रंट एंड लैंड सब्सिडी (प्रीमियम और लीज रेंट सहित)

  • 100% स्टांप ड्यूटी में छूट

  • 25% पूंजी सब्सिडी (निवेश के अनुपात में)

  • 2 वर्षों तक बिजली शुल्क में छूट

  • निर्यात हेतु हवाई अड्डे और बंदरगाह तक परिवहन पर 75% सब्सिडी

इस परियोजना के माध्यम से राज्य में एक विश्वस्तरीय मत्स्य प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जाएगी और मिडल ईस्ट समेत अन्य देशों में मछली उत्पादों के निर्यात हेतु बाय-बैक व्यवस्था विकसित की जाएगी। प्रस्तावित निवेश 4000 करोड़ रुपये (467 मिलियन डॉलर) का है, जिससे राज्य के मत्स्यपालकों को उन्नत तकनीक, प्रशिक्षण और वैश्विक बाजार का सीधा लाभ मिलेगा।

जेवर एयरपोर्ट के पास स्थापित होगा एग्री एक्सपोर्ट हब

राज्य सरकार ने जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट ‘एग्री एक्सपोर्ट हब’ स्थापित करने के लिए कर्नाटक की इनोवा फूड पार्क कंपनी को भी नीतिगत प्रोत्साहन देने की मंजूरी प्रदान की है। यह हब कृषि और बागवानी उत्पादों को तेजी से और सुरक्षित तरीके से अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

प्रोत्साहन पैकेज में शामिल
  • यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) क्षेत्र में 50 एकड़ भूमि का आवंटन

  • 75% फ्रंट एंड लैंड सब्सिडी

  • 100% स्टांप शुल्क में छूट

  • निवेश अनुपात में 50% पूंजी सब्सिडी

  • 2 वर्षों तक बिजली दरों में छूट

यह एक्सपोर्ट हब एक वन-स्टॉप सॉल्यूशन होगा जहाँ कृषि उत्पादों के टेस्टिंग, ट्रीटमेंट, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और शिपमेंट की सुविधाएँ एक ही छत के नीचे मिलेंगी। यहां से कार्गो विमानों के माध्यम से मिडल ईस्ट, यूरोप, रूस और अन्य देशों को सीधे निर्यात किया जा सकेगा।

किसानों और निर्यातकों को होंगे ये लाभ

  • मत्स्यपालन एवं कृषि क्षेत्र को मिलेगा ग्लोबल बाजार

  • सप्लाई चेन में सुधार और बाय-बैक सिस्टम से स्थायित्व

  • स्थानीय स्तर पर हजारों रोजगार के अवसर

  • कृषि और मत्स्य उत्पादों की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा में सुधार

  • निर्यात में आएगी तीव्रता, प्रदेश को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान

सरकार की प्रतिबद्धता

सरकार का मानना है कि इन परियोजनाओं से प्रदेश में निवेश का माहौल सुदृढ़ होगा और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि, कृषि और मत्स्य क्षेत्रों में नवाचार और निर्यात को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता है। इससे किसानों की आमदनी दोगुनी करने और ग्रामीण क्षेत्र में व्यापक विकास को गति मिलेगी।”

उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल न केवल ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर एक ठोस कदम है, बल्कि राज्य को कृषि निर्यात के क्षेत्र में राष्ट्रीय से अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने का माध्यम भी बनेगी।

Leave a Comment