दिल्ली में चौपाल से बदलेगी खेती की तस्वीर: शिवराज सिंह चौहान

दिल्ली के किसानों को मिलेगी अब हर केंद्रीय योजना का लाभ

“विकसित कृषि संकल्प अभियान” के 14वें दिन केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे दिल्ली के तिगीपुर गांव, चौपाल में किसानों से की सीधी बातचीत

नई दिल्ली- देशभर में चल रहे “विकसित कृषि संकल्प अभियान” के अंतर्गत आज अभियान के 14वें दिन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र स्थित तिगीपुर गांव में किसानों के साथ सीधा संवाद स्थापित किया। उन्होंने खेतों में जाकर कृषि-ड्रोन तकनीक का अवलोकन किया और किसान चौपाल में स्थानीय किसानों से मिलकर उनकी समस्याओं, सुझावों और नवाचारों पर विस्तार से चर्चा की।

चौहान के साथ इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिक भी मौजूद थे। यह आयोजन दिल्ली में पहली बार इतने व्यापक स्तर पर हुआ, जिसमें केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी प्रत्यक्ष रूप से किसानों तक पहुंचाई गई।

कृषि-ड्रोन और आधुनिक तकनीक पर जोर

अपने दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कृषि-ड्रोन तकनीक का प्रत्यक्ष प्रदर्शन देखा। इसमें कीटनाशक और पोषक तत्वों के छिड़काव की आधुनिक विधियों को दिखाया गया। मंत्री ने वैज्ञानिकों से ड्रोन की लागत, प्रभावशीलता, और छोटे व सीमांत किसानों के लिए इसकी व्यवहारिकता पर विस्तार से जानकारी ली।

उन्होंने यह भी कहा कि “तकनीक के बिना खेती में प्रतिस्पर्धा संभव नहीं है। आने वाले समय में किसान चाहे फसल उत्पादन करें या उसकी मार्केटिंग, दोनों के लिए उन्हें आधुनिक तकनीकों से जुड़ना ही होगा। सरकार हर स्तर पर इसमें सहयोग देगी।”

किसानों के साथ चौपाल – खुला संवाद

चौहान ने तिगीपुर गांव में आयोजित किसान चौपाल में पहुंचकर किसानों की बातों को ध्यानपूर्वक सुना। चर्चा में बीज उत्पादन, पॉलीहाउस खेती, स्ट्रॉबेरी जैसी नकदी फसलें, और फसल विविधीकरण जैसे विषय शामिल रहे। उन्होंने कहा कि “जो किसान नवाचार कर रहे हैं, वे देश की नई खेती के अग्रदूत हैं।” उन्होंने किसानों को उनकी लगन और मेहनत के लिए बधाई दी और कहा कि केंद्र सरकार किसानों की उन्नति के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

अब योजनाएं खेतों में बनेंगी, बंद कमरों में नहीं

चौहान ने स्पष्ट किया कि अब कृषि योजनाएं बंद दफ्तरों में नहीं बल्कि खेतों में, किसानों के बीच बनेंगी। उन्होंने वैज्ञानिकों को निर्देश दिया कि वे गांव-गांव जाकर किसानों से फीडबैक लें और उसी के आधार पर नीति निर्माण करें।

उन्होंने कहा, “पिछले 15 दिनों में आईसीएआर की 2,170 टीमों ने देशभर में किसानों से संवाद कर तकनीक और अनुसंधान को उन तक पहुंचाया है। यही भविष्य का रास्ता है – नीति, शोध और किसान के बीच सीधा संबंध।”

दिल्ली के किसानों को मिलेगा केंद्र की योजनाओं का लाभ

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “अब दिल्ली के किसान केंद्र सरकार की सभी कृषि योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे।” उन्होंने बताया कि दिल्ली जैसे क्षेत्र, जहां बाजार की पहुंच और संसाधन मौजूद हैं, उन्हें बागवानी हब के रूप में विकसित किया जा सकता है।

उन्होंने विशेष रूप से निम्न योजनाओं का उल्लेख किया:

प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-आशा)

मूल्य समर्थन योजना (PSS)

मूल्य घाटा भुगतान योजना (PDPS)

बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS)

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) ,प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) ,परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY), नर्सरी व बागवानी योजनाएं, कृषि उपकरणों पर सब्सिडी योजना

उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का लाभ अब तक दिल्ली के किसानों तक नहीं पहुंच पाया था। इसके लिए अब दिल्ली सरकार से प्रस्ताव मांगा गया है और केंद्र स्तर पर तेजी से कार्य हो रहा है।

नकली खाद-कीटनाशक के खिलाफ सख्त कार्रवाई

चौहान ने किसानों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा कि नकली उर्वरकों और कीटनाशकों का निर्माण व वितरण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “जो भी हमारे किसानों के साथ धोखाधड़ी करेगा, उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”

मिट्टी की जांच और सॉइल हेल्थ कार्ड पर बल

कृषि मंत्री ने मिट्टी की गिरती गुणवत्ता को लेकर चिंता जाहिर की और किसानों से अपील की कि मिट्टी की नियमित जांच कराएं और सॉइल हेल्थ कार्ड के आधार पर फसल का चयन करें। उन्होंने कहा कि “यही टिकाऊ खेती की कुंजी है।”

अभियान बना किसानों की आवाज का माध्यम

“विकसित कृषि संकल्प अभियान” के तहत देशभर में किसानों से सीधा संवाद, उनकी समस्याएं जानना, तकनीकी समाधान प्रस्तुत करना और उन्हें योजनाओं से जोड़ना एक नई कृषि क्रांति का प्रारंभ है। इस अभियान के तहत शोध, तकनीक और किसान को एकसाथ लाने का प्रयास किया जा रहा है।

सारांश:

चौहान का यह दौरा केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि किसानों के लिए नीति परिवर्तन, तकनीकी समावेशन और सहभागिता का प्रतीक बन गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों की तस्वीर और तकदीर बदलने का वादा दोहराते हुए कहा – “हम किसानों की उन्नति के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”

Leave a Comment