गन्ना आयुक्त सख्त, लापरवाह मिलों पर गाज!

6 मिलों पर कार्रवाई, अब भू-राजस्व की तरह वसूली!

लखनऊ  :उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को उनका बकाया मूल्य दिलाने को लेकर गन्ना विभाग ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। गन्ना एवं चीनी आयुक्त  प्रमोद कुमार उपाध्याय ने जानकारी दी कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में गन्ना किसानों को समय से भुगतान सुनिश्चित कराना शामिल है, और इसी के तहत भुगतान में लापरवाही बरतने वाली छह चीनी मिलों के विरुद्ध वसूली प्रमाण-पत्र (Recovery Certificate) जारी किए गए हैं।

जिन मिलों पर यह कठोर कार्रवाई की गई है, उनमें बरखेड़ा (जनपद पीलीभीत), मकसूदापुर (जनपद शाहजहांपुर), बहेड़ी एवं नवाबगंज (जनपद बरेली), कुन्दुरखी (जनपद गोण्डा) तथा मलकपुर (जनपद बागपत) की चीनी मिलें शामिल हैं। इन मिलों को विभाग द्वारा पूर्व में बार-बार गन्ना मूल्य भुगतान के स्पष्ट निर्देश दिए गए थे, लेकिन समयबद्ध भुगतान न होने के कारण अंततः विभाग को वसूली प्रक्रिया का सहारा लेना पड़ा।

भू-राजस्व की तरह वसूली की जाएगी राशि

गन्ना आयुक्त ने बताया कि इन वसूली प्रमाण-पत्रों के निर्गमन के पश्चात संबंधित जिला प्रशासन अब उक्त मिलों से बकाया गन्ना मूल्य की वसूली भू-राजस्व की भांति करेगा। इससे किसानों को उनके गन्ने का बकाया मूल्य प्राप्त कराने में मदद मिलेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार गन्ना किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगी और भुगतान प्रक्रिया में तेजी लाने हेतु सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

65 मिलों ने किया पूर्ण भुगतान, 22 ने चुकाया 84% से अधिक

पेराई सत्र 2024-25 में राज्य की 122 चीनी मिलों में से अब तक 65 मिलों ने शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है। वहीं 22 मिलों द्वारा 84 प्रतिशत से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। शेष मिलों से भी भुगतान के लिए लगातार निर्देश जारी किए जा रहे हैं। विभागीय समीक्षा बैठकों, नोटिसों एवं सतत अनुश्रवण से सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है।

दैनिक अनुश्रवण से मिलों पर दबाव

गन्ना विभाग मुख्यालय स्तर पर गन्ना मूल्य भुगतान की दैनिक निगरानी कर रहा है। आयुक्त उपाध्याय ने बताया कि भुगतान में ढिलाई बरतने वाली मिलों को चेतावनी दी गई है कि यदि भविष्य में भी लापरवाही जारी रही, तो उनके गन्ना क्षेत्रफल के पुनर्निधारण (री-एलोकेशन) पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। यह मिलों के लिए एक सख्त संदेश है कि भुगतान में देरी अब किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

किसानों को राहत की उम्मीद

इस कार्रवाई से प्रदेश के हजारों गन्ना किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है, जिन्हें कई महीनों से अपने उत्पाद का मूल्य नहीं मिला था। सरकार की यह पहल न सिर्फ बकाया भुगतान सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे मिलों में जवाबदेही भी स्थापित होगी।

गन्ना विभाग की इस सख्ती से यह संदेश स्पष्ट है कि किसानों के हक को लेकर अब कोई भी उदासीनता या देरी सहन नहीं की जाएगी। आने वाले दिनों में और भी मिलों पर इसी प्रकार की कार्रवाई की जा सकती है, यदि वे समय से भुगतान नहीं करतीं।

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