सहकारी गन्ना समितियों में वित्तीय अनुशासन को लेकर सख्त निर्देश, नियमों का उल्लंघन करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
📍 लखनऊ- राज्य की सहकारी गन्ना विकास समितियों में वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गन्ना विभाग ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। मनमाने ढंग से एफ.डी.आर. (फिक्स्ड डिपॉजिट रसीद) के विनियोजन और समिति कार्यालय से 12 किमी से अधिक दूरी पर बैंक खाता संचालित करने जैसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए जिम्मेदार कर्मियों और अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
📌 बैंक खाते समिति कार्यालय से अधिक दूरी पर नहीं
गन्ना आयुक्त एवं निबंधक, सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियां प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि राज्य में 158 सहकारी गन्ना समितियां और 152 गन्ना विकास परिषदें कार्यरत हैं। सभी समितियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अधिकतम तीन (03) और परिषदें अधिकतम दो (02) बैंक खाते 12 किलोमीटर की परिधि में ही संचालित करें।
इसके बावजूद कई समितियां नियमों का उल्लंघन करते हुए दूरस्थ बैंकों में खाते संचालित कर रही हैं, जिस पर अब सख्त निगरानी रखी जा रही है।
📌 एफ.डी.आर. में अनियमितता पर कार्रवाई
समितियों में बिना निर्धारित प्रक्रिया के एफ.डी.आर. निवेश किए जाने के मामले भी सामने आए हैं। गन्ना विभाग ने साफ किया है कि ऐसी स्थिति में संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
📌 खातों में दर्ज होगा केवल सचिव का मोबाइल नंबर
नए निर्देशों के अनुसार, गन्ना समितियों के बैंक खातों में केवल समिति सचिव का ही मोबाइल नंबर दर्ज होना चाहिए। किसी अन्य व्यक्ति का नंबर दर्ज होने पर इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए जवाबदेही तय की जाएगी।
📌 बैंक रीकॉन्सिलेशन अनिवार्य
गन्ना विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी समितियों को प्रत्येक पक्ष (fortnight) में बैंक रीकॉन्सिलेशन संबंधी जारी दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन करना अनिवार्य होगा। किसी भी स्तर पर शिथिलता मिलने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई तय की जाएगी।
📌 अतिरिक्त बैंक खाते होंगे बंद
विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि कोई भी समिति या परिषद तीन (03) या दो (02) से अधिक बैंक खातों का संचालन नहीं करेगी। अतिरिक्त बैंक खातों को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा।
📌 नियमित निरीक्षण और रिपोर्टिंग आवश्यक
जिला गन्ना अधिकारी और उप गन्ना आयुक्तों को समितियों व परिषदों का निरीक्षण निर्धारित बिंदुओं के आधार पर करने और हर माह अपनी निरीक्षण रिपोर्ट मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। अगर निरीक्षण में कोई वित्तीय अनियमितता या शिथिलता पाई जाती है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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