पशु चारा बेचकर कमाएं लाखों! जानें शुरुआत कैसे करें

पशु चारा व्यवसाय शुरू करने से पहले जाने बाजार

पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार की पहल —पशु चारा व्यवसायशुरू करने के चरणों की दी गई जानकारी

बाजार अनुसंधान से करें पशु चारा व्यवसाय की शुरुआत, विभाग ने बताए आवश्यक कदम

पटना – पशुपालन को आर्थिक रूप से लाभकारी बनाने और चारा संकट से निजात दिलाने के उद्देश्य से बिहार सरकार के पशुपालन निदेशालय, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने पशु चारा व्यवसाय शुरू करने के इच्छुक लोगों के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

इन दिशा-निर्देशों के अंतर्गत चारा व्यवसाय शुरू करने का सबसे पहला और महत्वपूर्ण चरण “बाजार अनुसंधान” (Market Research) बताया गया है। इसके अंतर्गत कुछ आवश्यक कदम बताए गए हैं जिन्हें पालन करके कोई भी व्यक्ति या समूह चारा उत्पादन एवं बिक्री का कार्य सफलतापूर्वक प्रारंभ कर सकता है।

🔹 बाजार अनुसंधान के तहत करें ये कार्य

1. स्थानीय निवासियों से संवाद

अपने आस-पास के गाँवों के निवासियों से मिलकर बातचीत करें। उनसे यह जानें कि वे किस स्तर पर और किस प्रकार का पशुपालन करते हैं।

2. पशुपालकों की संख्या का सर्वेक्षण करें

यह आंकड़ा इकट्ठा करें कि क्षेत्र में कुल कितने लोग पशुपालन कर रहे हैं, ताकि चारे की मांग का सही अनुमान लगाया जा सके।

3. चारे की आवश्यकताओं को जानें

यह पता करें कि स्थानीय पशुपालकों को किस प्रकार का चारा चाहिए—हरी घास, सूखा चारा या साइलो फॉर्म में चारा आदि।

4. वर्तमान आपूर्ति स्थिति की जानकारी लें

वर्तमान में पशुपालक चारा कहां से, किस स्रोत से और कितने दाम पर खरीद रहे हैं, इसकी जानकारी एकत्र करें। इससे भविष्य की बिक्री रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी।

पशु चारा बिजनेस के लिए जरूरी लाइसेंस

पशु चारा फार्म शुरू करने के लिए दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत पंजीकरण, FSSAI फूड लाइसेंस, GST पंजीकरण, पर्यावरण विभाग से NOC और पशुपालन विभाग से लाइसेंस लेना जरूरी है। मशीनों की खरीद, ब्रांड नाम के लिए ट्रेडमार्क और ISI मानकों के अनुरूप BIS प्रमाणन भी आवश्यक है।

सरकार का उद्देश्य

राज्य सरकार का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं, किसान समूहों एवं स्व-सहायता समूहों को चारा व्यवसाय के जरिए आत्मनिर्भर बनाना है। चारा व्यवसाय न सिर्फ पशुपालकों की लागत कम करेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में एक नया आजीविका विकल्प भी प्रदान करेगा।

पशुपालन निदेशालय ने सुझाव दिया है कि चारा व्यवसाय शुरू करने से पहले सही तैयारी ’

और क्षेत्रीय मांग का सही आकलन आवश्यक है। इसके लिए प्रारंभिक चरण में स्थानीय संवाद और बाजार अनुसंधान सबसे अहम भूमिका निभाते हैं।

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