नागालैंड को कृषि क्षेत्र के लिए 338.83 करोड़ की सौगात

केंद्रीय कृषि मंत्री ने जलुकी में पशु चिकित्सा महाविद्यालय का उद्घाटन कर राज्य को हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया, किसानों और छात्रों से संवाद कर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर दिया जोर

जलुकी, नागालैंड -केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नागालैंड के कृषि विकास को नई दिशा देने के उद्देश्य से 338.83 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने यह घोषणा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (इंफाल) के जलुकी स्थित पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय के प्रशासनिक सह शैक्षणिक भवन के उद्घाटन अवसर पर की।

इस समारोह में नागालैंड के उपमुख्यमंत्री  टी.आर. जेलियांग, ग्रामीण विकास मंत्री मेत्सुबो जमीर और विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अनुपम मिश्रा भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता नागालैंड के राज्यपाल ला. गणेशन ने की।

अपने संबोधन में चौहान ने नागालैंड के विशिष्ट कृषि एवं पशुधन उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य की प्राकृतिक संपदाएं इसे जैविक खेती का हब बना सकती हैं। उन्होंने राज्य सरकार से कृषि और ग्रामीण विकास के लिए ठोस कार्य योजना तैयार करने को कहा और केंद्र की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

प्रौद्योगिकी और विज्ञान आधारित नीति पर जोर

चौहान ने सुझाव दिया कि नागालैंड के हर जिले में वैज्ञानिकों, केवीके अधिकारियों, विश्वविद्यालय विशेषज्ञों और किसानों की एक कोर टीम बनाई जाए, जो गांवों में जाकर किसानों की समस्याएं सुने और समाधान सुझाए। उन्होंने कहा कि इससे नीतिगत निर्णय और तकनीकी हस्तक्षेप अधिक प्रभावी हो सकेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसमें केंद्र सरकार पूरी तरह मदद के लिए तैयार है। उन्होंने कॉलेज के छात्रों को दिल्ली आकर अपने नवाचार प्रस्तुत करने का निमंत्रण भी दिया और स्टार्टअप तथा उद्यमिता विकास के लिए हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया।

किसान मेला और संवाद

चौहान ने उद्घाटन के बाद किसान मेले और प्रदर्शनी स्टालों का भी दौरा किया तथा किसानों से सीधा संवाद किया। इस अवसर पर 639 किसान और केंद्र एवं राज्य सरकार के 84 अधिकारी उपस्थित थे।

राज्यपाल  ला. गणेशन ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण और किसानों की सक्रिय भागीदारी को 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की कुंजी बताया। वहीं, उपमुख्यमंत्री  टी.आर. जेलियांग ने तकनीकी विशेषज्ञता और अनुसंधान-आधारित खेती को राज्य की आर्थिक प्रगति के लिए आवश्यक बताया।

यह कार्यक्रम न केवल एक शैक्षणिक भवन के उद्घाटन का प्रतीक था, बल्कि नागालैंड के ग्रामीण और कृषि विकास की दिशा में एक नए युग की शुरुआत भी है।

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