केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा में कृषि संकल्प अभियान की शुरुआत

किसानों को मिली वैज्ञानिक खेती की सीख, 18 गाँवों में चला संवाद अभियान

मथुरा: केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा द्वारा विकसित “कृषि संकल्प अभियान” का विधिवत शुभारंभ आज संस्थान परिसर से किया गया। यह अभियान ग्रामीण किसानों को आधुनिक, प्राकृतिक एवं वैज्ञानिक कृषि तकनीकों से जोड़ने की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसे 29 मई से 12 जून 2025 तक चरणबद्ध रूप से मथुरा और हाथरस जिलों के कुल 18 चयनित ग्रामों में संचालित किया जाएगा।

इस अभियान के अंतर्गत संस्थान की दो विशेषज्ञ टीमों ने मथुरा एवं हाथरस जिलों में स्थित कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) के वैज्ञानिकों के सहयोग से विभिन्न गाँवों में जाकर किसानों से संवाद स्थापित किया। उद्देश्य था—कृषि संबंधी पारंपरिक दृष्टिकोण को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़ना और किसानों को बदलते मौसम, मिट्टी की गुणवत्ता और कृषि प्रबंधन के अनुसार तैयार करना।

कृषि गोष्ठियों में विशेष फोकस विषय:

ग्राम स्तर पर आयोजित कृषि गोष्ठियों में किसानों को खरीफ फसलों की तैयारी, भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने हेतु जैविक खादों का प्रयोग, प्राकृतिक खेती के लाभ, बीज शोधन की आधुनिक तकनीकें, वैज्ञानिक पद्धतियों से पशुपालन एवं खेत-खलिहान प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई।
गोष्ठियों के दौरान किसानों ने अपनी व्यावहारिक समस्याएं भी साझा कीं, जिनका समाधान संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा वैज्ञानिक तथ्यों और व्यवहारिक अनुभवों के आधार पर किया गया।

टीम 1: मथुरा जिले में सक्रिय

मथुरा जिले की टीम का नेतृत्व संस्थान के निदेशक डॉ. मनीष कुमार चेटली ने किया। उनके साथ डॉ. बी. राय, डॉ. अनुपम कृष्ण दीक्षित और डॉ. रविंद्र कुमार जैसे अनुभवी वैज्ञानिकों ने विभिन्न गाँवों का दौरा कर किसानों से संवाद किया। इस टीम ने गांवों में आयोजित जनजागरूकता गोष्ठियों में भाग लेते हुए किसानों को उन्नत खेती के लिए प्रेरित किया।

टीम 2: हाथरस जिले में जागरूकता अभियान

वहीं, दूसरी टीम—जिसमें डॉ. रवि रंजन, डॉ. अरविंद कुमार एवं डॉ. खुशहाल सिंह शामिल थे—ने केवीके हाथरस एवं जिला कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर हाथरस जिले के गाँवों में किसानों को उन्नत बीज, जल संरक्षण तकनीक, बकरी पालन और मिश्रित कृषि जैसी तकनीकों से अवगत कराया। स्थानीय कृषि वैज्ञानिकों और विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रमों ने किसानों का उत्साह और विश्वास दोनों बढ़ाया।

किसानों की जबरदस्त भागीदारी

इस अभियान के तहत आयोजित गोष्ठियों में सैकड़ों की संख्या में किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। किसानों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें पहली बार इस स्तर पर कृषि से जुड़े वैज्ञानिकों से सीधे संवाद करने और अपनी जमीनी समस्याओं पर समाधान पाने का अवसर मिला।

अभियान रहेगा 12 जून तक जारी

कृषि संकल्प अभियान 12 जून 2025 तक दोनों जिलों के अन्य चयनित ग्रामों में चरणबद्ध रूप से जारी रहेगा। संस्थान का उद्देश्य है कि इस अभियान के माध्यम से कम से कम 1000 किसानों तक वैज्ञानिक जानकारी और तकनीकी सहायता पहुँचाई जाए।

Leave a Comment