मैटवॉश’ और ‘बैगिंग’ तकनीक से निर्यात को बढ़ावा
ICAR-CISH ने नई दिल्ली आम महोत्सव 2025 में दिखाई 250 किस्मों की झलक, जलवायु सहनशीलता व निर्यात को बढ़ावा देने वाली तकनीकें प्रदर्शित
लखनऊ, केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (ICAR-CISH), रहमानखेड़ा, काकोरी, लखनऊ ने नई दिल्ली स्थित पीएसओआई क्लब में आयोजित नई दिल्ली आम महोत्सव 2025 में भाग लेते हुए आम की 250 किस्मों और संकर प्रजातियों का प्रदर्शन किया। यह महोत्सव आम प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए एक बड़ा आकर्षण बना रहा।
संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. आशीष यादव ने जानकारी दी कि ICAR-CISH आम की आनुवंशिक विविधता के संरक्षण और जलवायु सहनशील, उच्च गुणवत्ता एवं लंबी शेल्फ लाइफ वाली नई किस्मों के विकास पर कार्य कर रहा है। इस वर्ष संस्थान द्वारा विकसित ‘अवध अभया‘ (नीलम x टॉमी एटकिंस) और ‘अवध समृद्धि‘ (अमरपाली x वानराज) को केंद्रीय किस्म विमोचन समिति द्वारा औपचारिक रूप से स्वीकृति प्रदान की गई है।
देशी से लेकर विदेशी तक: विविधता का भंडार
CISH के फील्ड जीन बैंक में लगभग 800 किस्मों का संरक्षण किया गया है। इनमें सबसे छोटी किस्म अंगूरदाना है, जिसका वजन मात्र 35-45 ग्राम है, जबकि राजावाला आम का वजन 3.5 किलोग्राम तक हो सकता है। संस्थान के संग्रह में अमेरिका की टॉमी एटकिंस, कीट, केंट और सेंसेशन, इज़राइल की माया, ऑस्ट्रेलिया की केंसिंग्टन और फिलीपींस की फिलिपिनो जैसी लगभग 20 विदेशी किस्में भी शामिल हैं, जिनका उपयोग नई किस्मों के सुधार कार्यक्रम में दाता (donor) के रूप में किया जा रहा है।
नवाचारों से निर्यात को मिल रहा बल
CISH द्वारा विकसित ‘मैटवॉश तकनीक‘ के जरिए आम को कोल्ड चेन में 42 दिनों तक ताजा रखा जा सकता है, जो समुद्री मार्ग से निर्यात के लिए अत्यंत उपयुक्त है। इसके अलावा ‘बैगिंग तकनीक‘ ने गुणवत्ता आधारित आम उत्पादन में क्रांति ला दी है। यह तकनीक न केवल कीट व रोगों से सुरक्षा देती है, बल्कि किसानों को अच्छा लाभ भी दिला रही है।
संस्थान ने आम के पौधों के पुनरुत्थान (rejuvenation) और टेबल टॉप कैनोपी प्रबंधन की तकनीकें भी विकसित की हैं, जो बागवानी के क्षेत्र में अत्यंत प्रभावी सिद्ध हो रही हैं।
आम से मूल्यवर्धित उत्पादों का विकास
CISH आम से विभिन्न वैल्यू ऐडेड प्रोडक्ट्स के निर्माण पर भी कार्य कर रहा है, जिससे किसानों और उद्यमियों को अतिरिक्त आय के अवसर मिल रहे हैं।
चित्र सौजन्य:सोशल मीडिया ICAR-CISH