गन्ना सर्वेक्षण 2025-26: GPS तकनीक से होगा पारदर्शी सर्वे, 1 मई से शुरू

किसानों के लिए जरूरी घोषणा पत्र! स्मार्ट किसान, स्मार्ट सर्वे

लखनऊ, आगामी पेराई सत्र 2025-26 के लिए प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त श्री प्रमोद कुमार उपाध्याय ने गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी कर दी है। इस नीति के तहत गन्ना सर्वेक्षण का कार्य 01 मई 2025 से आरंभ होकर 30 जून 2025 तक संपन्न किया जाएगा। सर्वेक्षण का उद्देश्य गन्ना उत्पादन का सटीक आंकलन करना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और किसानों की समस्याओं का त्वरित समाधान करना है।

इस बार सर्वेक्षण को गन्ना सूचना प्रणाली एवं स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट के अंतर्गत हैंड हेल्ड कंप्यूटर (H.H.C.) के माध्यम से GPS तकनीक से सम्पन्न कराया जाएगा, जिससे खेतों की सटीक मैपिंग संभव होगी।

किसानों के लिए अनिवार्य ऑनलाइन घोषणा-पत्र

गन्ना किसानों को अपने खेत में बोए गए गन्ने की जानकारी enquiry.caneup.in वेबसाइट पर उपलब्ध करानी होगी। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन घोषणा-पत्र भरना अनिवार्य किया गया है। जो किसान ऐसा नहीं करेंगे, उनका सट्टा आगामी पेराई सत्र में विभाग द्वारा कभी भी बंद किया जा सकता है।

सर्वे से पहले एसएमएस से मिलेगी सूचना
प्रतीकात्मक चित्र

गन्ना आयुक्त ने बताया कि पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हुए, सर्वे टीम जब किसी खेत पर जाएगी तो तीन दिन पूर्व SMS के माध्यम से किसानों को सूचना दी जाएगी, जिसमें टीम के प्रभारी का नाम और मोबाइल नंबर भी शामिल होगा।

संयुक्त टीम करेगी सर्वे

गन्ना सर्वेक्षण कार्य संयुक्त टीम द्वारा किया जाएगा, जिसमें राजकीय गन्ना पर्यवेक्षक, चीनी मिल का कार्मिक और संबंधित किसान की उपस्थिति अनिवार्य होगी। जहां राजकीय गन्ना पर्यवेक्षक पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं होंगे, वहां समिति के कर्मचारी लगाए जाएंगे। हर सर्किल के लिए एक इंचार्ज भी नामित किया जाएगा।

द्वितीय व तृतीय पेड़ी की जानकारी भी होगी दर्ज

GPS सर्वे के दौरान द्वितीय और तृतीय पेड़ी की स्थिति की पुष्टि कम्प्यूटरीकृत केन सर्वे रजिस्टर में की जाएगी। प्रत्येक पृष्ठ पर सर्वे टीम द्वारा हस्ताक्षर भी किए जाएंगे। साथ ही, मानसून, शरदकालीन और बसन्तकालीन बुवाई, ड्रिप इरीगेशन और सहफसली खेती की जानकारी भी दर्ज की जाएगी।

आदर्श मॉडल प्लाट और उत्तम कृषक

सर्वेक्षण के दौरान आदर्श मॉडल प्लाट के अंतर्गत चयनित उत्तम कृषकों का विवरण भी दर्ज किया जाएगा, जिससे उत्कृष्ट कृषकों के अनुभवों को अन्य किसानों तक पहुंचाया जा सके।

औचक निरीक्षण और अंतिम आंकड़ों की पुष्टि

सर्वे कार्य की समय-समय पर औचक जांच भी की जाएगी, जिसमें मुख्यालय एवं परिक्षेत्रीय अधिकारी शामिल होंगे। सर्वे समाप्ति के बाद, सभी संबंधित अधिकारियों एवं चीनी मिल प्रतिनिधियों के संयुक्त हस्ताक्षर के बाद अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी

गन्ना आयुक्त ने समस्त परिक्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्तों एवं जिला गन्ना अधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। यह नीति न केवल गन्ना उत्पादन के सही आंकलन को सुनिश्चित करेगी, बल्कि किसानों की भागीदारी और हितों की रक्षा भी करेगी।

Leave a Comment