नई गन्ना किस्मों की उपलब्धता एवं किसानों की सुरक्षा हेतु महत्वपूर्ण निर्देश
लखनऊ, 17 फरवरी 2025: उत्तर प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग की प्रमुख सचिव वीना कुमारी की अध्यक्षता में आज गन्ना आयुक्त कार्यालय, लखनऊ में “पेराई सत्र 2024-25 हेतु गन्ना किस्म विस्थापन, बीज बदलाव एवं बसंतकालीन बुआई को बढ़ाने” हेतु समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विभागीय अधिकारियों, वैज्ञानिकों, चीनी मिलों के प्रतिनिधियों एवं प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
नवीन गन्ना किस्मों की बढ़ती उपलब्धता गन्ना शोध परिषद को नई गन्ना किस्म को.शा. 19231 एवं को.से. 17451 के अभिजनक बीज की उपलब्धता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, इन किस्मों की खरीद में किसी भी प्रकार की जालसाजी रोकने हेतु किसानों को एसएमएस के माध्यम से जानकारी प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं।
बीज गन्ना उत्पादकों का भौतिक सत्यापन एवं विधिक कार्रवाई बीज गन्ना उत्पादकों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। यदि कोई उत्पादक छद्म गन्ना किस्मों को सरकार द्वारा रिलीज नई किस्मों के नाम से विक्रय करता है, तो उनके विरुद्ध कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी। जिला गन्ना अधिकारियों को अपने कार्यक्षेत्र में बीज गन्ना उत्पादकों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
गन्ना किस्मों का समानुपातिक आच्छादन गन्ना किस्म को.0238 के लाल सड़न रोग से प्रभावित होने एवं उपज में गिरावट के कारण इसका विस्थापन आवश्यक हो गया है। अतः, को.15023, को.0118, को. लख.14201, को. लख.16202, को.शा.13235, को.शा.17231 एवं को.शा.18231 गन्ना किस्मों का समानुपातिक आच्छादन बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। किसी एक गन्ना किस्म का क्षेत्रफल 25% से अधिक नहीं बढ़ाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
बसंतकालीन बुआई हेतु लक्ष्य एवं उपलब्धियां राज्य में बसंतकालीन गन्ना बुआई हेतु 13.45 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य की पूर्ति के लिए 7.97 करोड़ कुंतल बीज आरक्षित किया गया है। अब तक 20.25 लाख कृषकों से 9.30 लाख हेक्टेयर बुआई का इंडेंट प्राप्त हो चुका है, और लगभग 46 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई की जा चुकी है।
चीनी मिलों के विकास कार्यों में पारदर्शिता चीनी मिलों द्वारा बसंतकालीन बुआई के लिए 202.09 करोड़ रुपये का बजट अपने संसाधनों से जुटाया गया है। पहली बार मिलों के विकास कार्यक्रमों हेतु डेडिकेटेड अकाउंट खोलने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे बजट व्यय में पारदर्शिता आएगी।
कीट एवं रोग नियंत्रण हेतु एडवाइजरी जारी होगी विगत महीनों में गन्ने की फसल में टॉप बोरर, हल्के बिल्ट, जड़-विगलन, मिलीबग एवं लाल सड़न के लक्षण देखे गए हैं। आगामी मौसम में इनकी रोकथाम हेतु समयबद्ध एडवाइजरी जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
कृषकों के सुझाव एवं जागरूकता अभियान बैठक में प्रगतिशील किसानों ने मृदा की उर्वरता बढ़ाने, मैकेनाइजेशन एवं ड्रिप सिंचाई को अपनाने के सुझाव दिए। किसानों की जागरूकता बढ़ाने हेतु शोध परिषद द्वारा विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया।
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा जारी यह कदम गन्ना उत्पादन को अधिक प्रभावी, रोग-रोधी एवं टिकाऊ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।