“आईसीएआर स्थापना दिवस 2025: कृषि में क्रांति की बुनियाद”
आईसीएआर का 97वां स्थापना दिवस समारोह भव्य रूप से आयोजित
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया संबोधन, बोले– वैज्ञानिक हैं आधुनिक महर्षि
“प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में आई क्रांति”
नई दिल्ली, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) का 97वां स्थापना दिवस समारोह आज राजधानी के एन.ए.एस.सी. कॉम्प्लेक्स, पूसा स्थित सी. सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और वैज्ञानिकों, अधिकारियों, कृषि विशेषज्ञों और देशभर से आए किसानों को संबोधित किया।
चौहान ने आईसीएआर को भारत की कृषि प्रणाली की रीढ़ बताते हुए वैज्ञानिकों को “आधुनिक महर्षि” की उपाधि दी। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों की बौद्धिक क्षमता, सेवा-भावना और देशहित में समर्पण ही है जो कृषि क्षेत्र में निरंतर प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर रही है। उन्होंने कहा,
“हमारे वैज्ञानिक स्वयं से ज्यादा दूसरों की चिंता करते हैं। यही भावना उन्हें सामान्य से असाधारण बनाती है।“
11 वर्षों में कृषि उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में भारत ने खाद्यान्न, बागवानी और दुग्ध उत्पादन में ऐतिहासिक उपलब्धियां दर्ज की हैं।
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खाद्यान्न उत्पादन: प्रति वर्ष 8.1 मिलियन टन की औसत वृद्धि
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बागवानी क्षेत्र: 11 वर्षों में 7.5 मिलियन टन की वृद्धि
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दूध उत्पादन: 2014 से 2025 के बीच 10.2 मिलियन टन प्रति वर्ष की बढ़ोतरी
उन्होंने कहा कि यह वृद्धि केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत की खाद्य सुरक्षा, पोषण और किसान समृद्धि का प्रमाण है। मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषि में नवाचार, समर्थन मूल्य और तकनीकी विस्तार की दिशा में जो पहल हुई हैं, उसने भारत को “कृषि महाशक्ति” की ओर अग्रसर किया है।
‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ बना शोध की नई नींव
चौहान ने अपने संबोधन में बताया कि हाल ही में चलाए गए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत देशभर के किसानों और कृषि वैज्ञानिकों से संवाद किया गया। इस अभियान के तहत 500 से अधिक अनुसंधान विषय सामने आए हैं, जिन पर अब गहन कार्य किया जाएगा।
“अब अनुसंधान पूसा की प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रहेगा। शोध की दिशा खेतों और किसानों की समस्याओं के आधार पर तय की जाएगी,” उन्होंने स्पष्ट किया।
उन्होंने कहा कि कपास की उपज घटने, बीटी कॉटन में वायरस अटैक जैसी समस्याएं इस अभियान से उजागर हुईं, जिन पर अनुसंधान कर समाधान निकालने की दिशा में ठोस कार्य होगा।
अनुसंधान और तकनीक किसानों की जोत के अनुसार
मंत्री ने ज़ोर दिया कि भारत में अधिकांश जोतें छोटी और सीमांत हैं, इसलिए कृषि मशीनीकरण भी छोटे उपकरणों की ओर झुकाव रखे।
“हमारे किसानों के लिए बड़ी मशीनें नहीं, छोटे, सस्ते और उपयोगी उपकरण बनाए जाएंगे।“
उन्होंने उर्वरकों की जांच के लिए सस्ती तकनीक, प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन, और जलवायु-संवेदनशील खेती को प्राथमिकता देने की बात कही।
वैज्ञानिकों और किसानों का हुआ सम्मान
समारोह के दौरान कई वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इसमें उत्कृष्ट महिला वैज्ञानिक, युवा वैज्ञानिक और नवाचार श्रेणी में चयनित वैज्ञानिक शामिल रहे। साथ ही, 10 नई कृषि प्रकाशनों और कई एमओयू का विमोचन भी किया गया। इस दौरान मंत्री ने विकसित कृषि प्रदर्शनी का अवलोकन कर नवीन तकनीकों की जानकारी प्राप्त की।
किसानों को मिलेगा सस्ता बीज व खाद, धोखाधड़ी पर सख्ती
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को अमानक या गैर उपयोगी उत्पादों की बिक्री को अब सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा,
“अब कोई भी कंपनी किसानों को जबरन कोई उत्पाद नहीं बेच पाएगी। जो धोखाधड़ी करेगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।“
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जैसे जन औषधि केंद्र सस्ती दवाइयां बेचते हैं, वैसे ही सस्ते उर्वरकों के लिए केंद्रों की स्थापना पर भी विचार किया जा सकता है।
टोल फ्री नंबर से किसान कर सकेंगे शिकायत
चौहान ने घोषणा की कि किसानों के लिए एक टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा, जिस पर वे किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज कर सकेंगे।
“अगर आपके साथ किसी प्रकार का धोखा हो रहा है, तो उस पर आवाज़ उठाइए। सरकार आपके साथ है,” उन्होंने आश्वस्त किया।
वैज्ञानिकों से लिया सेवा का संकल्प
अपने समापन भाषण में मंत्री ने कहा,
“वैज्ञानिकों का जीवन यज्ञ के समान होता है। यह नौकरी नहीं, सेवा है। आईसीएआर के स्थापना दिवस पर हम सभी को किसान कल्याण और राष्ट्र निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहरानी चाहिए।“
उन्होंने “एक टीम, एक लक्ष्य” की भावना के साथ कृषि अनुसंधान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का आह्वान किया।
📸 उपस्थिति और सहभागिता
इस अवसर पर कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, आईसीएआर महानिदेशक डॉ. एम. एल. जाट, देशभर से आए कृषि वैज्ञानिक, अनुसंधान संस्थानों के निदेशक, वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में किसान प्रतिनिधि उपस्थित रहे।