महिला किसानों की भागीदारी को सांसद वीणा देवी ने बताया क्रांति की शुरुआत
सरैया में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का 10वां दिन भव्यता से संपन्न
सरैया (मुजफ्फरपुर), डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, सरैया में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान-2025’ के अंतर्गत 10वें दिन का कार्यक्रम भव्य रूप से संपन्न हुआ। यह आयोजन किसानों को वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों से जोड़ने और कृषि के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से किया गया।
इस अवसर पर भारत सरकार के केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उनके साथ वैशाली संसदीय क्षेत्र की सांसद श्रीमती वीणा देवी और पारू विधानसभा क्षेत्र के विधायक अशोक कुमार सिंह भी मंच पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी.एस. पांडेय ने की।
मंत्री ने कहा – कृषि वैज्ञानिकता की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं हमारे किसान
अपने संबोधन में मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा शुरू किया गया यह अभियान किसानों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज के समय में परंपरागत खेती के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कृषि करना आवश्यक है। ठाकुर ने किसानों से आग्रह किया कि वे कृषि विज्ञान केंद्रों की सहायता से उन्नत बीज, समसामयिक जानकारी और तकनीक का लाभ उठाएं।
उन्होंने यह भी कहा, “कृषि में नवाचार ही किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने का सबसे सशक्त माध्यम है। इस अभियान के माध्यम से सरकार किसानों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में सार्थक प्रयास कर रही है।”
वीणा देवी ने महिला किसानों को बताया ‘नए युग की शक्ति’
कार्यक्रम में उपस्थित सांसद श्रीमती वीणा देवी ने कृषि क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिला किसानों की सहभागिता आज केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि ‘कृषि विकास’ की मूलधारा बन चुकी है। उन्होंने कहा, “नारी शक्ति की सक्रिय भागीदारी ‘नए युग की शुरुआत’ है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही है।”
सांसद ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिला किसानों को विशेष प्रशिक्षण एवं सहयोग उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
कुलपति डॉ. पांडेय ने किसानों से अभियान से जुड़ने की अपील की
कार्यक्रम के अध्यक्ष और विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी.एस. पांडेय ने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की सराहना करते हुए कहा कि यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि किसानों के जीवन को बदलने वाला एक सामाजिक आंदोलन है। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों की भूमिका इस अभियान में अत्यंत महत्वपूर्ण है, जहां से किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों की जानकारी प्राप्त हो रही है।
डॉ. पांडेय ने कहा, “यह आवश्यक है कि अधिक से अधिक किसान इस अभियान से जुड़ें और इसका लाभ उठाएं। विश्वविद्यालय की ओर से किसानों को हर संभव तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी।” उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी किसानों, वैज्ञानिकों और अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में किसानों की रही भारी भागीदारी
इस कार्यक्रम में सरैया सहित आसपास के गांवों से आए सैकड़ों किसानों ने भाग लिया। उन्हें उन्नत कृषि तकनीक, जैविक खेती, जल प्रबंधन, फसल विविधीकरण जैसे विषयों पर प्रशिक्षण और जानकारी दी गई। किसान मित्रों द्वारा फसल प्रदर्शन भी किया गया, जिससे अन्य किसान प्रेरित हुए।
विकसित भारत के लिए विकसित कृषि” के संकल्प को मजबूत करता यह अभियान
कृषि विज्ञान केंद्र, सरैया द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम ‘विकसित भारत के लिए विकसित कृषि’ की सोच को आगे बढ़ा रहा है। किसानों में जागरूकता और आत्मनिर्भरता की भावना को सशक्त करने वाला यह अभियान आने वाले समय में कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने की दिशा में निर्णायक साबित होगा।