नीदरलैंड्स खेती के मामले में यूरोप में अव्वल है। नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में नीदरलैंड्स के कृषि उप-मंत्री जान-कीस गोएट ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी से शिष्टाचार भेंट की। भारत और नीदरलैंड्स के बीच कृषि और संबंधित क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसरों की खोज करने के अलावा, इस बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर दिया। डॉ. चतुर्वेदी ने इस अवसर पर नीदरलैंड्स और भारत के मध्य दीर्घकालिक कृषि सहयोग का महत्व बताया। उन्होंने आगे की साझेदारी के लिए संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की और कृषि में विविधता को बढ़ावा देने पर सरकार का विशेष ध्यान देने पर जोर दिया। इस मौके पर मुख्य रूप से फसल-उपरांत प्रबंधन और देश भर में लाखों छोटे और सीमांत किसानों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों और रोपण सामग्री तक पहुंच में सुधार पर चर्चा हुई। डॉ. चतुर्वेदी ने नीदरलैंड्स से मिली तकनीकी सहायता की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे साल 2025 तक 25 उत्कृष्टता केंद्र (COE) स्थापित करने में सहयोग करेंगे।
उनका कहना था कि उत्कृष्टता केंद्रों ने वर्तमान में 25000 किसानों को प्रशिक्षण दिया है। सचिव ने बागवानी के एकीकृत विकास मिशन (एमआईडीएच) के माध्यम से राज्यों को उत्कृष्टता केंद्रों के नेटवर्क का विस्तार करने के लिए निरंतर वित्तीय सहायता देने का आश्वासन दिया। नीदरलैंड्स के कृषि उप-मंत्री जान-कीस गोएट ने खाद्य सुरक्षा और किसानों के कल्याण को सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र बताया। उन लोगों ने इन उत्कृष्टता केंद्रों को आपसी सहयोग का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बताया और भविष्य में और अधिक उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना में सहयोग करने के लिए उत्सुक थे। दोनों ने अपने सहयोग को विस्तार देने और मिलकर काम करने के लिए नए अवसरों पर सहमति व्यक्त की। जिसमें स्वच्छ पौध कार्यक्रम और एक सहयोगी इकोसिस्टम बनाने में नीदरलैंड्स के अनुभव का लाभ उठाना भी शामिल है, जो बीज कार्यक्रम को आगे बढ़ाने, किसानों की पसंद में सुधार लाने तथा उभरती हुई खाद्य एवं जलवायु चुनौतियों का समाधान करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों तथा नागरिक समाज को एक साथ लाता है। इस बैठक में कृषि मशीनीकरण में संभावित सहयोग, कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की क्षमता में वृद्धि, राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) के साथ साझेदारी में व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम, कृषि स्टार्टअप के लिए वित्तपोषण और नीदरलैंड्स के कृषि क्षेत्र में योगदान करने के लिए भारत के कुशल कृषि श्रमिकों के लिए अवसरों पर भी चर्चा हुई।
भारत की ओर से अपर सचिव श्री प्रमोद कुमार मेहेड़ा व सुश्री शुभा ठाकुर की उपस्थिति, साथ ही आईसीएआर के प्रतिनिधियों और संयुक्त सचिवों की उपस्थिति ने इस बैठक को और भी समृद्ध किया। नीदरलैंड्स की राजदूत सुश्री मारिसा जेरार्ड्स, कृषि सलाहकार, सीडएनएल के निदेशक और वरिष्ठ नीति अधिकारी ने भी भाग लिया।