गन्ना विभाग ने किसानों से की अपील, कहा– समय पर पर्ची पाने के लिए नेटवर्क क्षेत्र में रहें
लखनऊ, –उत्तर प्रदेश सरकार ने चालू पेराई सत्र 2025-26 में गन्ना पर्चियों के वितरण की व्यवस्था को पूरी तरह डिजिटल कर दिया है। अब किसानों को गन्ना आपूर्ति की पर्ची केवल एसएमएस (SMS Parchi) के माध्यम से ही भेजी जा रही है। यह जानकारी प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी विभाग ने दी।
आयुक्त ने बताया कि यह व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी, समयबद्ध और किसानों के हित में है। इसके अंतर्गत प्रदेश के सभी पंजीकृत गन्ना किसानों को गन्ना पर्ची सीधे उनके मोबाइल फोन पर रियल टाइम में प्राप्त होगी। इस प्रणाली से जहां किसानों को समय पर पर्ची प्राप्त होगी, वहीं उन्हें गन्ने की कटाई और आपूर्ति की योजना बनाने में भी आसानी होगी।
उन्होंने कहा कि किसानों से बार-बार अपील की जा रही है कि वे अपने पंजीकृत मोबाइल नंबरों को सक्रिय और चालू स्थिति में रखें। मोबाइल फोन में पर्याप्त बैलेंस और नेटवर्क सिग्नल होना आवश्यक है ताकि एसएमएस पर्ची समय से प्राप्त हो सके। किसानों को यह भी सलाह दी गई है कि वे डी.एन.डी. (Do Not Disturb) सेवा एक्टिवेट न करें, क्योंकि ऐसा करने पर सर्वर से भेजे गए संदेश रुक सकते हैं।
🔸 एसएमएस पर्ची की सफलता दर 95 प्रतिशत से अधिक
गन्ना विकास विभाग के अनुसार, अब तक प्रदेश में भेजी जा रही एसएमएस पर्चियों की डिलीवरी दर 95 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई है। फिर भी विभाग ने किसानों को कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतने की सलाह दी है, ताकि शत-प्रतिशत किसानों को पर्ची बिना विलंब के प्राप्त हो सके।
विभाग ने कहा है कि—
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किसान अपने मोबाइल को हमेशा चालू रखें और उसे चार्ज करते रहें।
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एसएमएस इनबॉक्स खाली रखें, ताकि नया संदेश आने में दिक्कत न हो।
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कॉल बार्डिंग या स्पैम ब्लॉकिंग सेवाएं सक्रिय न करें।
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मोबाइल नेटवर्क क्षेत्र में रहें और नियमित रूप से नेटवर्क जांचते रहें।
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यदि मोबाइल नंबर बदल गया है या गलत दर्ज है, तो किसान तुरंत अपने गन्ना पर्यवेक्षक या समिति कार्यालय में सही नंबर अपडेट कराएं।
🔸 समय पर पर्ची से ताजे गन्ने की आपूर्ति संभव
आयुक्त ने कहा कि इस व्यवस्था से किसानों को बड़ी सुविधा मिलेगी। जैसे ही पर्ची जारी होगी, वह किसान के मोबाइल पर रियल टाइम में एसएमएस के रूप में पहुंच जाएगी, जिससे किसान अपने खेत का गन्ना समय पर काटकर मिल तक भेज सकेंगे। इससे गन्ने के सूखने या खराब होने से होने वाली हानि से भी बचाव होगा।
यह डिजिटल व्यवस्था न केवल पारदर्शिता बढ़ा रही है, बल्कि किसानों के लिए भ्रष्टाचार-मुक्त और सुविधाजनक तंत्र भी स्थापित कर रही है।
🔸 अधिकारियों को प्रचार-प्रसार के निर्देश
गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने सभी परिक्षेत्रीय अधिकारियों और जिला गन्ना अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में किसानों को इस व्यवस्था के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से जागरूक करें।
अधिकारियों को यह भी कहा गया है कि वे किसानों की एसएमएस पर्ची से जुड़ी समस्याओं के त्वरित समाधान की व्यवस्था सुनिश्चित करें, ताकि गन्ना आपूर्ति प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
आयुक्त ने कहा,
“यह व्यवस्था किसानों के हित में है। हर किसान भाई को चाहिए कि वह अपने मोबाइल नंबर को एस.जी.के. पोर्टल पर सही दर्ज कराए, फोन चालू रखे और नेटवर्क क्षेत्र में रहे, ताकि उन्हें समय पर गन्ना पर्ची प्राप्त हो सके।”
चित्र: प्रतीकात्मक